दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।
भाव सुमन लेकर मैं बैठा,
गौरी सुत स्वीकार करो,
बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया
का करे यशोदा मैय्या हाँ॥ बड़ा नटखट है रे..
आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनं
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं