दुर्गा पूजा यानी नवरात्र की शुरुआत होने वाली है. ऐसे में लोगों के सिर पर नवरात्र के पावन पर्व का भक्तिमय रंग और पर्व की उमंग दोनों ही परवान चढ़ने लगे हैं। चारों तरह की नवरात्रि में सचमुच शारदीय नवरात्र ही सबसे भव्य और खास नवरात्र होती है।
सनातन धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है। पितृपक्ष में लोग अपने पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए उनका श्राद्ध करते हैं जिसमें विशेष अनुष्ठान और पूजा की जाती है।
जब धरती पर अंधकार की छाया गहराती है और चंद्रमा की रोशनी में कई तारे आसमान में टिमटिमाते हुए दिखाई देते हैं तब हमें याद आती हैं हमारे पूर्वजों की। बचपन में सुनी नानी-दादी की कहानियां तो यही कहती हैं कि जब भी किसी की मृत्यु हो जाती है
जब भी हम माता रानी के विषय में बात करते हैं तो दस महाविद्याओं के बारे में जरूर बात की जाती है। इन दस महाविद्याओं में छिन्नमस्ता या छिन्नमस्तिका या प्रचण्ड चण्डिका भी एक हैं।