Aaj Ka Panchang: आज 28 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 28 September 2025: आज 28 सितंबर 2025 आश्विन मास का 21वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, जो कि 02:27 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद सप्तमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज रविवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 03:55 ए एम, सितम्बर 29 तक वृश्चिक राशि में रहेंगे। इसके बाद धनु राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:48 ए एम से 12:35 पी एम तक है। इस दिन राहुकाल 04:41 पी एम से 06:10 पी एम तक रहेगा। आज दुर्गा पूजा का कल्पारम्भ है, जिसे अकाल बोधन भी कहा जाता है। साथ ही वार के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 28 सितंबर 2025 (Aaj Ka Panchang 28 September 2025)
- तिथि - 02:27 पी एम तक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि। इसके बाद सप्तमी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - ज्येष्ठा (03:55 ए एम, सितम्बर 29 तक) मूल
- दिन/वार - रविवार
- योग - आयुष्मान् (12:32 ए एम, सितम्बर 29 तक) सौभाग्य
- करण - तैतिल (02:27 पी एम तक) गर (03:32 ए एम, सितम्बर 29 तक) वणिज
आश्विन शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि प्रारंभ - 12:03 पी एम, सितम्बर 27
आश्विन शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि समाप्त - 02:27 पी एम, सितम्बर 28
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा 03:55 ए एम, सितम्बर 29 तक वृश्चिक राशि में रहेंगे। इसके बाद धनु राशि में गोचर करेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:12 ए एम
- सूर्यास्त - 06:10 पी एम
- चन्द्रोदय - 11:57 ए एम
- चन्द्रास्त - 10:02 पी एम
आज का शुभ मुहूर्त और योग 28 सितंबर 2025 (Aaj ka Shubh Muhurat aur Yog 28 September 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:36 ए एम से 05:24 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:48 ए एम से 12:35 पी एम
- विजय मुहूर्त - 02:11 पी एम से 02:59 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 06:10 पी एम से 06:35 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 06:10 पी एम से 07:23 पी एम
- अमृत काल - 06:05 पी एम से 07:53 पी एम
- रवि योग - 06:12 ए एम से 03:55 ए एम, सितम्बर 29
- सर्वार्थ सिद्धि योग - 03:55 ए एम, सितम्बर 29 से 06:13 ए एम, सितम्बर 29
आज का अशुभ मुहूर्त 28 सितंबर 2025 (Aaj ka Ashubh Muhurat 28 September 2025)
- राहु काल - 04:41 पी एम से 06:10 पी एम
- गुलिक काल - 03:11 पी एम से 04:41 पी एम
- यमगंड - 12:11 पी एम से 01:41 पी एम
- गण्ड मूल - पूरे दिन
- विडाल योग - 06:12 ए एम से 03:55 ए एम, सितम्बर 29
- आडल योग - 03:55 ए एम, सितम्बर 29 से 06:13 ए एम, सितम्बर 29
- विंछुड़ो - 06:12 ए एम से 03:55 ए एम, सितम्बर 29
- वर्ज्य - 07:23 ए एम से 09:10 ए एम
- दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
28 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (28 September 2025 ke Parv / Tyohar / Vrat)
- रविवार का व्रत- आज आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य को समर्पित है।
- कल्पारंभ - कल्पारंभ पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा अनुष्ठानों की शुरुआत का प्रतीक है, जो आमतौर पर चन्द्र माह की षष्ठी तिथि पर होता है। यह अनुष्ठान अन्य राज्यों में मनाये जाने वाले बिल्व निमन्त्रण के समान है, जिसमें देवी दुर्गा को बिल्व वृक्ष या कलश में निवास करने के लिए आमन्त्रित किया जाता है। इस दिन देवी का आवाहन करने का सबसे अच्छा समय सायंकाल है, जो सूर्यास्त से लगभग 2 घण्टे 24 मिनट पहले का समय होता है। कल्पारम्भ के दिन को अकाल बोधन भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है देवी दुर्गा का असामयिक आह्वान करना, जो पारंपरिक रूप से चैत्र माह में की जाने वाली पूजा से अलग है।
- अकाल बोधन - कल्पारम्भ के दिन को अकाल बोधन भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है देवी दुर्गा का असामयिक आह्वान करना। यह परंपरा भगवान राम द्वारा रावण से युद्ध करने से पहले देवी दुर्गा की पूजा करने से शुरू हुई थी, जिससे उन्हें अपनी पत्नी सीता को मुक्त करने में मदद मिली। इस असामयिक आवाहन से शरद नवरात्रि और दुर्गा पूजा की परंपरा का आरंभ हुआ। कल्पारम्भ अनुष्ठान और नवरात्रि के दौरान की जाने वाली घटस्थापना या कलशस्थापना प्रतीकात्मक रूप से एक जैसे होते हैं। पश्चिम बंगाल की तीन दिवसीय दुर्गा पूजा नौ दिवसीय नवरात्रि का एक लघु संस्करण है, और धार्मिक पुस्तकों में विभिन्न प्रकार की नवरात्रियों का उल्लेख है, जैसे कि सप्तदिवसीय, पञ्चदिवसीय, और त्रिदिवसीय नवरात्रि, जो भक्तों को अपनी क्षमता के अनुसार देवी की आराधना करने की अनुमति देती हैं।
28 सितंबर 2025 आज के उपाय (28 September 2025 Aaj ke Upay)
- रविवार के उपाय - रविवार के दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने और भगवान सूर्य को जल अर्पित करने से स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होती है। रविवार के उपायों में आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना, सूर्य मंत्रों का जाप करना और लाल वस्त्र, गुड़ और तांबे के बर्तन का दान करना शामिल है। इन उपायों को करने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मकता और सफलता बढ़ती है। रविवार को व्रत रखने और सूर्य देव की आराधना करने से भी विशेष लाभ मिलता है।
- कल्पारंभ के दिन करें ये उपाय - कल्पारम्भ की पूजा प्रातः काल में शुरू की जाती है, जिसमें पूजा और व्रत का संकल्प लिया जाता है। एक कलश में शुद्ध जल भरकर बिल्व के पेड़ के नीचे रखा जाता है, जिसे बिल्व निमंत्रण कहा जाता है, और इसमें माता का आह्वान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि माता इस कलश में आकर निवास करती हैं और इसे माता का स्वरूप माना जाता है। संध्याकाल में अकाल बोधन किया जाता है, जिसमें विभिन्न मंत्रों का उच्चारण करके माता को जगाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। इसके बाद धुप-ध्यान और आरती की जाती है और प्रसाद वितरण किया जाता है।
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