Aaj Ka Panchang: आज 27 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 27 September 2025: आज 27 सितंबर 2025 आश्विन मास का 20वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, जो कि 12:03 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद षष्ठी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज शनिवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:48 ए एम से 12:36 पी एम तक है। इस दिन राहुकाल 09:12 ए एम से 10:42 ए एम तक रहेगा। आज बिल्व निमंत्रण है। इसके अलावा स्कंद षष्ठी भी आज ही है। साथ ही वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 27 सितंबर 2025 (Aaj Ka Panchang 27 September 2025)
- तिथि - 12:03 पी एम तक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि। इसके बाद षष्ठी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - अनुराधा (01:08 ए एम, सितम्बर 28 तक) ज्येष्ठा
- दिन/वार - शनिवार
- योग - प्रीति (11:46 पी एम तक) आयुष्मान्
- करण - बालव (12:03 पी एम तक) कौलव (01:16 ए एम, सितम्बर 28 तक) तैतिल
आश्विन शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि प्रारंभ - 09:32 ए एम, सितम्बर 26
आश्विन शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि समाप्त - 12:03 पी एम, सितम्बर 27
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:12 ए एम
- सूर्यास्त - 06:12 पी एम
- चन्द्रोदय - 11:01 ए एम
- चन्द्रास्त - 09:15 पी एम
आज का शुभ मुहूर्त और योग 27 सितंबर 2025 (Aaj ka Shubh Muhurat aur Yog 27 September 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:36 ए एम से 05:24 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:48 ए एम से 12:36 पी एम
- विजय मुहूर्त - 02:12 पी एम से 03:00 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 06:12 पी एम से 06:36 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 06:12 पी एम से 07:24 पी एम
- अमृत काल - 01:26 पी एम से 03:14 पी एम
- रवि योग - 06:12 ए एम से 07:15 ए एम और 01:08 ए एम, सितम्बर 28 से 06:12 ए एम, सितम्बर 28
आज का अशुभ मुहूर्त 27 सितंबर 2025 (Aaj ka Ashubh Muhurat 27 September 2025)
- राहु काल - 09:12 ए एम से 10:42 ए एम
- गुलिक काल - 06:12 ए एम से 07:42 ए एम
- यमगंड - 01:42 पी एम से 03:12 पी एम
- गण्ड मूल - 01:08 ए एम, सितम्बर 28 से 06:12 ए एम, सितम्बर 28
- विडाल योग - 06:12 ए एम से 07:15 ए एम
- विंछुड़ो - पूरे दिन
- दिशाशूल - पूर्व, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
27 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (27 September 2025 ke Parv / Tyohar / Vrat)
- शनिवार का व्रत - आज आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो शनि देव को समर्पित है।
- बिल्व निमंत्रण - दुर्गा पूजा के दौरान बिल्व निमंत्रण एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसे आमतौर पर षष्ठी तिथि के सायाह्नकाल में किया जाता है। यदि षष्ठी तिथि सायाह्नकाल से पहले समाप्त हो जाती है और पंचमी तिथि सायाह्नकाल में रहती है, तो पंचमी तिथि पर ही बिल्व निमंत्रण करना अधिक उपयुक्त माना जाता है। धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार, बिल्व पूजा के लिए सन्ध्याकाल और षष्ठी तिथि का संयोग आदर्श समय है। इसके बाद नवपत्रिका प्रवेश सप्तमी तिथि पर किया जाता है, चाहे बिल्व निमन्त्रण किसी भी तिथि पर क्यों न किया गया हो।
- स्कंद षष्ठी - भगवान स्कन्द तमिल हिन्दुओं के बीच एक प्रसिद्ध देवता हैं, जिन्हें भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र और भगवान गणेश के छोटे भाई के रूप में जाना जाता है। उन्हें मुरुगन, कार्तिकेय और सुब्रहमन्य भी कहा जाता है। भगवान स्कन्द को समर्पित षष्ठी तिथि पर श्रद्धालु उपवास करते हैं, खासकर शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन। स्कन्द षष्ठी का व्रत तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब षष्ठी तिथि पंचमी तिथि के साथ मिल जाती है, जिसे कन्द षष्ठी भी कहा जाता है। इस व्रत को करने से भक्तों को भगवान स्कन्द की कृपा प्राप्त होती है।
27 सितंबर 2025 आज के उपाय (27 September 2025 Aaj ke Upay)
- शनिवार के उपाय - शनिवार के दिन भगवान शनि और हनुमान की पूजा करने से जीवन में शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शनि को तेल, काले तिल और काले वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। शनिवार के उपायों में हनुमान चालीसा का पाठ करना, शनि मंत्रों का जाप करना और भगवान शनि की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से शनि ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। शनिवार के दिन विशेष रूप से काले वस्त्र, उड़द की दाल और तेल का दान करना लाभदायक होता है।
- स्कंद षष्ठी के दिन करें ये उपाय - स्कंद षष्ठी की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। पूजा-व्रत का संकल्प लें और एक वेदी पर भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल से अभिषेक करें, चंदन और कुमकुम का तिलक लगाएं। लाल, पीले रंग के फूल जैसे चमेली और गेंदा अर्पित करें। गाय के घी का दीपक जलाएं। भोग में दूध, फल, पंचामृत, मोदक, अप्पम, पायसम और गन्ना आदि शामिल करें। भगवान कार्तिकेय के मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती करें, साथ ही स्कंद षष्ठी कथा पढ़ें या सुनें। पूजा में तामसिक चीजें शामिल न करें और विधिवत पूजा करें।
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