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ज्ञानगंगा

कलयुग कब खत्म होगा
कलयुग कब खत्म होगा
सनातन परंपरा के अनुसार संसार में अब तक चार युग हुए हैं। इन चार युगों को सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग और कलि युग कहा गया है। संसार का आरंभ सतयुग से हुआ। त्रेता युग में विभिन्न देवताओं ने विभिन्न अवतारों के साथ धर्म की रक्षा की। इसमें प्रमुख रूप से रामावतार में भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना की और पापियों का नाश किया।
पूजा सुबह ही क्यों करते हैं
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सुबह ही क्यों की जाती है भगवान की पूजा, जानिए पूजा के पांच समय
मंगलवार हनुमान जी का दिन क्यों है
मंगलवार हनुमान जी का दिन क्यों है
हिंदू धर्म के अनुसार सप्ताह के सात दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित है। इन मान्यताओं के अनुसार हम प्रत्येक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता की पूजा आराधना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयत्न करते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर गजकेसरी योग
कार्तिक पूर्णिमा पर गजकेसरी योग
कार्तिक माह की पूर्णिमा को देव दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। इस वर्ष ये पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा जो सुबह 6:20 बजे से शुरू होकर मध्यरात्रि 2:59 बजे समाप्त होगा।
देव दिवाली की कथा
देव दिवाली की कथा
हिंदू धर्म में देव दिवाली का पर्व विशेष धार्मिक महत्व है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही किया था। तब देवताओं ने प्रसन्न होकर दिवाली मनाई।
देव दिवाली पितृ कृपा
देव दिवाली पितृ कृपा
देव दिवाली, जो कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर मनायी जाती है, भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था, इसके उपलक्ष्य में देवताओं ने स्वर्ग में दीप जलाकर दिवाली मनाई थी।
देव दिवाली शुभ योग
देव दिवाली शुभ योग
हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाने वाला देव दिवाली पर्व भगवान शिव की विजय का प्रतीक है। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था, जिसके उपलक्ष्य में देवताओं ने स्वर्गलोक में दीप जलाकर दिवाली मनाई थी।
देव दिवाली पर कितने दीप जलाएं
देव दिवाली पर कितने दीप जलाएं
देव दीपावली, जिसे कार्तिक पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर राक्षस के संहार की याद में मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में कुल कितने भगवान हैं
हिंदू धर्म में कुल कितने भगवान हैं
जब से सृष्टि है, तब से सनातन धर्म है और तब से ही हमारे देवी-देवता। हिंदू धर्म में सभी देवताओं का अपना महत्व और उनकी आराधना करने का अलग-अलग विधान और फल।
Hindu Dharm Me Sabse Bade Bhagwan Kaun Hai (हिंदू धर्म में सबसे बड़ा देवता कौन है)
Hindu Dharm Me Sabse Bade Bhagwan Kaun Hai (हिंदू धर्म में सबसे बड़ा देवता कौन है)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हिंदू धर्म में तैंतीस करोड़ या तैंतीस कोटि देवी-देवता हैं। हालांकि यह भी कहा जाता है कि कुल तैंतीस देवता हैं, जिनमें 8 वसु, 11 रुद्र, 12 आदित्य, इंद्र, प्रजापति शामिल हैं।
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