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भाद्रपद महीना 2025 के शुभ मुहूर्त

भाद्रपद महीना 2025 के शुभ मुहूर्त

Bhadrapada 2025 Shubh Muhurat: भाद्रपद महीने में इन दिनों में करें शुभ काम, यहां देखें विवाह से लेकर गृह प्रवेश तक के मुहूर्त की पूरी लिस्ट

भाद्रपद मास हिंदू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण महीना है, जो इस साल 10 अगस्त से शुरू होकर 7 सितंबर तक रहेगा। यह महीना विशेष रूप से धार्मिक कार्यों, शुभ आयोजनों और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अहम माना जाता है। हालांकि, इस दौरान एक महत्वपूर्ण बात यह है कि चातुर्मास का समय चल रहा है और चातुर्मास में मांगलिक कार्यों - जैसे विवाह और अन्य मांगलिक उत्सव वर्जित होते हैं। इसलिए, भाद्रपद मास में विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं हैं। इस आर्टिकल में हम आपको भाद्रपद मास के सभी प्रमुख शुभ मुहूर्तों के बारे में जानकारी देंगे, ताकि आप अपने महत्वपूर्ण कार्यों को सही समय पर शुरू कर सकें। चाहे वो घर में किसी नए काम की शुरुआत हो या जीवन के छोटे-बड़े कार्य। इस मास के शुभ मुहूर्त आपके जीवन को समृद्धि और सुख से भर सकते हैं।

भाद्रपद मास 2025 गृह प्रवेश शुभ मुहूर्त 

अगर आप नए घर में प्रवेश की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए जरूरी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास के दौरान गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। चातुर्मास 2025 की अवधि- 6 जुलाई से 1 नवंबर तक रहेगी। यह वह समय होता है जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं, और देवताओं के इस विश्राम काल में कोई भी शुभ कार्य करना शास्त्रों में अनुचित माना गया है। ज्योतिषीय दृष्टि से भी इस अवधि में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति अनुकूल नहीं होती, जिससे गृह प्रवेश करना अशुभ फल दे सकता है। इसलिए इन महीनों में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं होता। मान्यता है कि चातुर्मास के बाद, देवउठनी एकादशी (1 नवंबर 2025) से मांगलिक कार्यों की फिर से शुरुआत होती है। यदि आप भी गृह प्रवेश की योजना बना रहे हैं, तो शुभ मुहूर्त के लिए चातुर्मास की समाप्ति के बाद का इंतज़ार करें।

भाद्रपद मास 2025 शादी शुभ मुहूर्त 

यदि आप भाद्रपद मास में विवाह की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए जरूरी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 6 जुलाई 2025 से 1 नवंबर 2025 तक विवाह के सभी शुभ मुहूर्त स्थगित माने जाते हैं। इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है, जो देवशयनी एकादशी से शुरू होकर देवउठनी एकादशी तक चलता है। मान्यता है कि इस दौरान भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं, और जब तक वे जागते नहीं, तब तक कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन या गृह प्रवेश नहीं किए जाते। साथ ही, इस दौरान ग्रह-नक्षत्रों की स्थितियां भी अनुकूल नहीं मानी जातीं, इसलिए ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी विवाह जैसे शुभ कार्य टालने की सलाह दी जाती है। अतः अगस्त 2025 में विवाह की कोई शुभ तिथि नहीं है। विवाह आदि के लिए देवउठनी एकादशी के बाद ही शुभ समय शुरू होगा।

भाद्रपद मास 2025 वाहन खरीद शुभ मुहूर्त 

  • 1 अगस्त 2025, शुक्रवार, वाहन ख़रीद शुभ मुहूर्त: सुबह 05:43 से 02 अगस्त 2025, सुबह 03:40 तक, नक्षत्र: स्वाति
  • 3 अगस्त, 2025, रविवार, वाहन ख़रीद शुभ मुहूर्त: सुबह 09:42 से 04 अगस्त 2025, सुबह 05:44 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा
  • 4 अगस्त 2025, सोमवार, वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: सुबह 05:44 बजे से सुबह 09:12 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा
  • 8 अगस्त, 2025, शुक्रवार, वाहन ख़रीद शुभ मुहूर्त: दोपहर 02:28 से 09 अगस्त 2025, सुबह 05:47 बजे तक, नक्षत्र: श्रवण
  • 10 अगस्त 2025, रविवार, वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: सुबह 05:48 बजे से दोपहर 12:09 बजे तक, नक्षत्र: धनिष्ठा
  • 11 अगस्त 2025, सोमवार, वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: सुबह 10:33 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक, नक्षत्र: शतभिषा
  • 13 अगस्त 2025, बुधवार, वाहन ख़रीद शुभ मुहूर्त: सुबह 10:32 बजे से 14 अगस्त 2025, सुबह 04:23 बजे तक, नक्षत्र: रेवती
  • 14 अगस्त 2025, गुरुवार, वाहन ख़रीद शुभ मुहूर्त: सुबह 05:50 से सुबह 09:06 तक, नक्षत्र: रेवती
  • 17 अगस्त 2025, रविवार, वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: शाम 07:24 बजे से 18 अगस्त 2025, शाम 05:52 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी, मृगशीर्ष
  • 18 अगस्त, 2025, सोमवार वाहन ख़रीद शुभ मुहूर्त: सुबह 05:52 से 19 अगस्त 2025, सुबह 02:06, नक्षत्र: मृगशीर्ष
  • 20 अगस्त 2025, बुधवार, वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: दोपहर 01:58 बजे से 21 अगस्त 2025, सुबह 05:53 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु, पुष्य
  • 21 अगस्त 2025, गुरुवार, वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: सुबह 05:53 बजे से दोपहर 12:44 बजे तक, नक्षत्र: पुष्य
  • 27 अगस्त 2025, बुधवार वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: दोपहर 03:44 बजे से 28 अगस्त 2025, सुबह 05:57 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा
  • 28 अगस्त 2025, गुरुवार वाहन ख़रीद शुभ मुहूर्त: सुबह 05:57 से 29 अगस्त 2025, सुबह 05:58 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा, स्वाति
  • 29 अगस्त 2025, शुक्रवार, वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: सुबह 05:58 बजे से सुबह 11:38 बजे तक, नक्षत्र: स्वाति
  • 31 अगस्त 2025, रविवार, वाहन खरीद शुभ मुहूर्त: सुबह 05:59 बजे से शाम 05:27 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा
  • 5 सितंबर 2025, शुक्रवार, वाहन खरीद शुभ मुहूर्त, सुबह 06:01 बजे से 6 सितंबर प्रात:काल 03:12 बजे तक, नक्षत्र:श्रवण, धनिष्ठा
  • 7 सितंबर 2025, रविवार, वाहन खरीद शुभ मुहूर्त, सुबह 06:02 बजे से रात 09:41 बजे तक, नक्षत्र: शतभिषा

भाद्रपद मास 2025 प्रॉपर्टी खरीद शुभ मुहूर्त  

  • 1 अगस्त 2025, शुक्रवार, शुभ संपत्ति खरीद मुहूर्त: रात 03:40 से 02 अगस्त 2025, सुबह 05:43 बजे तक, नक्षत्र: विशाखा।
  • 7 अगस्त 2025, गुरुवार, शुभ संपत्ति खरीद मुहूर्त: सुबह 05:46 बजे से दोपहर 02:01 बजे तक, नक्षत्र: पूर्वा आषाढ़।
  • 14 अगस्त 2025, गुरुवार, शुभ संपत्ति खरीद मुहूर्त: सुबह 05:50 बजे से सुबह 09:06 बजे तक, नक्षत्र: रेवती।
  • 21 अगस्त 2025, गुरुवार, शुभ संपत्ति खरीद मुहूर्त: रात 12:08 बजे से 22 अगस्त 2025, सुबह 05:54 बजे तक, नक्षत्र: अश्लेषा।
  • 22 अगस्त 2025, शुक्रवार, शुभ संपत्ति खरीद मुहूर्त: सुबह 05:54 बजे से 23 अगस्त 2025, सुबह 05:55 बजे तक, नक्षत्र: आश्लेषा, मघा।
  • 29 अगस्त 2025, शुक्रवार, शुभ संपत्ति खरीद मुहूर्त: सुबह 11:38 बजे से 30 अगस्त 2025, सुबह 05:58 बजे तक, नक्षत्र: विशाखा।

भाद्रपद मास 2025 सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त

सोना खरीदना केवल आर्थिक निवेश नहीं, बल्कि भारतीय परंपरा में इसे सौभाग्य, समृद्धि और लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। लेकिन चातुर्मास के दौरान सोना खरीदना वर्जित माना गया है। चातुर्मास 2025: 6 जुलाई से 1 नवंबर तक है। इस दौरान भगवान विष्णु योगनिद्रा में होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस समय कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, संस्कार, या सोना-चांदी जैसी कीमती वस्तुओं की खरीदारी टालनी चाहिए। साथ ही, इस अवधि में ग्रहों की स्थिति भी आर्थिक निवेश के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती, जिससे शुभ फल मिलने की संभावना कम हो सकती है। यदि आप सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इसके लिए देवउठनी एकादशी (1 नवंबर 2025) के बाद का समय अधिक शुभ माना जाता है। परंपरा के अनुसार, सही मुहूर्त में की गई सोने की खरीद आपके जीवन में संपत्ति, सुख और शांति लेकर आती है।

भाद्रपद मास 2025 विद्यारंभ शुभ मुहूर्त

विद्यारंभ संस्कार बच्चे के जीवन में शिक्षा की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक होता है। यह संस्कार बच्चे को सरस्वती उपासना के माध्यम से विद्या, बुद्धि और ज्ञान की दिशा में आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिलाता है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास के दौरान यह संस्कार वर्जित माना गया है। चातुर्मास 2025: 6 जुलाई से 1 नवंबर तक है। इस दौरान भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि जब देवता विश्राम में हों, तो विद्यारंभ, विवाह, उपनयन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। इसके अतिरिक्त, इस अवधि में ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति शिक्षा संबंधी शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती, जिससे कार्य के शुभ फल बाधित हो सकते हैं। अतः यदि आप अपने बच्चे का विद्यारंभ संस्कार कराना चाहते हैं, तो इसके लिए देवउठनी एकादशी (1 नवंबर 2025) के बाद का शुभ मुहूर्त चुनना उचित रहेगा। सही समय पर किया गया विद्यारंभ संस्कार बच्चे के जीवन में ज्ञान, विवेक और सफलता की मजबूत नींव रखता है।

भाद्रपद मास 2025 दुकान उद्घाटन शुभ मुहूर्त

  • 3 अगस्त 2025,रविवार, दुकान उद्घाटन मुहूर्त: सुबह 09:42 से सुबह 11:22 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा।
  • 3 अगस्त 2025, रविवार, दुकान उद्घाटन मुहूर्त: दोपहर 01:42 से शाम 04:00 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा।
  • 3 अगस्त 2025, रविवार, दुकान उद्घाटन मुहूर्त: शाम 06:04 से शाम 07:47 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा।
  • 3 अगस्त 2025, रविवार, दुकान उद्घाटन मुहूर्त: रात 09:14 से रात 10:39 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा।
  • 4 अगस्त 2025, सोमवार, दुकान उद्घाटन मुहूर्त: सुबह 05:44 बजे से सुबह 06:45 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा। 
  • 4 अगस्त 2025, सोमवार, दुकान उद्घाटन: सुबह 09:02 बजे से सुबह 09:12 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा।
  • 7 अगस्त 2025, गुरुवार, दुकान उद्घाटन: दोपहर 02:01 बजे से दोपहर 02:27 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराषाढा।
  • 14 अगस्त 2025, गुरुवार, दुकान उद्घाटन: सुबह 09:51 बजे से सुबह 10:39 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी।
  • 14 अगस्त 2025, गुरुवार, दुकान उद्घाटन: दोपहर 12:59 बजे से दोपहर 01:12 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी।
  • 14 अगस्त 2025, गुरुवार, दुकान उद्घाटन: शाम 05:21 बजे से शाम 07:03 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी।
  • 14 अगस्त 2025, गुरुवार, दुकान उद्घाटन: रात 08:31 बजे से रात 09:56 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी।
  • 17 अगस्त 2025, रविवार, दुकान उद्घाटन: रात 09:15 बजे से रात 09:44 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी।
  • 18 अगस्त 2025, सोमवार, दुकान उद्घाटन: रात 08:15 बजे से रात 09:40 बजे तक, नक्षत्र: मृगशिरा।
  • 25 अगस्त 2025, सोमवार, दुकान उद्घाटन: दोपहर 12:15 बजे से शाम 04:38 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी।
  • 25 अगस्त 2025, सोमवार, दुकान उद्घाटन: शाम 07:48 बजे से रात 09:13 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी।
  • 27 अगस्त 2025, बुधवार , दुकान उद्घाटन: शाम 07:40 बजे से रात 09:05 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा।
  • 30 अगस्त 2025, शनिवार, दुकान उद्घाटन: दोपहर 02:37 बजे से दोपहर 03:10 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा।
  • 4 सितंबर 2025, गुरूवार, दुकान उद्घाटन: सुबह 11:36 बजे से दोपहर 03:59 बजे तक, नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा
  • 4 सितंबर 2025, गुरूवार, दुकान उद्घाटन: शाम 07:08 बजे से रात 08:33 बजे तक, नक्षत्र:अभिजित

भाद्रपद मास 2025 उपनयन संस्कार शुभ मुहूर्त 

उपनयन संस्कार, जिसे आमतौर पर जनेऊ संस्कार कहा जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख 16 संस्कारों में से एक है। यह बालक को "विद्यार्थी" बनने और आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास के दौरान इस पवित्र संस्कार को करना वर्जित होता है। चातुर्मास 2025 की अवधि: 6 जुलाई से 1 नवंबर तक है। इस समय भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं। देवताओं के विश्राम काल में उपनयन, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ संस्कार नहीं किए जाते। साथ ही, इस अवधि में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी स्थिर या प्रतिकूल मानी जाती है, जिससे शुभ कार्यों के प्रभाव कम हो सकते हैं। अतः यदि आप अपने पुत्र का उपनयन संस्कार करवाने की सोच रहे हैं, तो इसके लिए देवउठनी एकादशी (1 नवंबर 2025) के बाद का शुभ मुहूर्त चुनना अधिक उचित और फलदायक होगा। शास्त्रों के अनुसार, उपयुक्त समय पर किया गया जनेऊ संस्कार जीवन में धर्म, शिक्षा और मर्यादा की स्थापना करता है।

भाद्रपद मास 2025 अन्नप्राशन संस्कार शुभ मुहूर्त 

  • 04 अगस्त 2025, सोमवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: सुबह 05:44 बजे से सुबह 09:02 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा
  • 11 अगस्त 2025, सोमवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: सुबह 06:17 बजे से सुबह 08:35 बजे तक, नक्षत्र: शतभिषा
  • 20 अगस्त 2025, बुधवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: दोपहर 04:58 बजे से शाम 06:13 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु
  • 25 अगस्त 2025, सोमवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: शाम 04:38 बजे से शाम 06:20 बजे तक, नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी
  • 27 अगस्त 2025, बुधवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: शाम 04:44 बजे से शाम 06:12 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा
  • 28 अगस्त 2025, गुरूवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: सुबह 05:57 बजे से सुबह 07:28 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा

भाद्रपद मास 2025 नामकरण संस्कार शुभ मुहूर्त 

नामकरण संस्कार शिशु के जीवन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ संस्कार है, जो उसके अस्तित्व और पहचान का प्रतीक होता है। लेकिन हिंदू धर्म की परंपराओं के अनुसार, चातुर्मास के दौरान इस संस्कार को करना वर्जित माना गया है। चातुर्मास 2025: 6 जुलाई से 1 नवंबर तक है। इस अवधि में भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं। धार्मिक मान्यता है कि जब देवता विश्राम में हों, तब नामकरण, विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, कर्णवेध जैसे मांगलिक संस्कार नहीं किए जाते इसके साथ ही, इस समय ग्रहों की स्थिति भी शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती, जिससे नामकरण जैसे संस्कार के सकारात्मक फल प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए, यदि आप अपने शिशु का नामकरण संस्कार कराने की योजना बना रहे हैं, तो इसके लिए देवउठनी एकादशी (1 नवंबर 2025) के बाद का समय शुभ रहेगा। सही समय पर किया गया नामकरण संस्कार शिशु के जीवन में सौभाग्य, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है।

भाद्रपद मास 2025 कर्णवेध संस्कार शुभ मुहूर्त 

कर्णवेध संस्कार (कान छेदना) हिंदू धर्म के 16 प्रमुख संस्कारों में से एक है, जिसे बच्चे के जीवन में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक प्रक्रिया माना जाता है। लेकिन चातुर्मास के दौरान इस संस्कार को करना वर्जित होता। चातुर्मास 2025 की अवधि- 6 जुलाई से 1 नवंबर तक है। इस दौरान भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं, और परंपराओं के अनुसार, जब देवता विश्राम में होते हैं, तब कर्णवेध, विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक संस्कार नहीं किए जाते। साथ ही, इस अवधि में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी स्थिर या प्रतिकूल मानी जाती है, जिससे संस्कार के शुभ फल मिलने की संभावना कम हो जाती है। इसलिए शास्त्रों और परंपराओं के अनुसार, कर्णवेध संस्कार के लिए चातुर्मास के बाद का समय ही उपयुक्त होता है। यदि आप अपने बच्चे का कर्णवेध संस्कार कराने की सोच रहे हैं, तो 1 नवंबर 2025 (देवउठनी एकादशी) के बाद के शुभ मुहूर्त में यह संस्कार करना अधिक उचित होगा।

भाद्रपद मास 2025 मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगस्त से दिसंबर 2025 के बीच मुंडन संस्कार के लिए कोई विशेष शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है। इस अवधि में पंचांग और नक्षत्रों की स्थिति मुंडन के लिए अनुकूल नहीं है, जिसके कारण इस अवधि में मुंडन संस्कार से बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि, कुछ लोग शारदीय नवरात्रि के दौरान मुंडन संस्कार का आयोजन करते हैं, क्योंकि इसे पवित्र और शुभ समय माना जाता है। यदि आप अगस्त से दिसंबर के बीच मुंडन कराने की योजना बना रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप ज्योतिषी की सलाह लें और बच्चे की कुंडली, नक्षत्र और ग्रहों की स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मुहूर्त का निर्धारण करें। मुंडन संस्कार एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो शारीरिक और आध्यात्मिक शुद्धि के लिए किया जाता है। यह बच्चे के जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। इसलिए इसे सही समय पर और विधि-विधान से करना आवश्यक है। आप भी अपने बच्चों के मुंडन की योजना बनाने से पहले ज्योतिषी की सलाह ले सकते हैं और शुभ मुहूर्त के अनुसार आयोजन कर सकते हैं।

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