Bhadrapada Maas Upay: भाद्रपद मास में करें ये खास उपाय, भगवान गणेश और श्री कृष्ण होंगे प्रसन्न
हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास, जिसे भादो भी कहा जाता है, धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है। यह माह मुख्य रूप से भगवान श्रीकृष्ण और भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस मास में कृष्ण जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी जैसे प्रमुख पर्व आते हैं, जो श्रद्धा और भक्ति का केंद्र होते हैं।
भाद्रपद मास में किए गए विशेष उपायों से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
भगवान गणेश की पूजा
भाद्रपद मास में गणेश चतुर्थी विशेष महत्व रखती है। इस दिन श्री गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर विधिपूर्वक पूजा करें। यह उपाय बाधाओं को दूर करता है और नए कार्यों में सफलता दिलाता है।
- ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।
- गणेश जी को दूर्वा, लाल फूल और मोदक अर्पित करें।
- प्रतिदिन सुबह-शाम श्री गणेश की आरती करें।
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत रखें और श्रीकृष्ण की झांकी सजाकर रात 12 बजे उनका जन्मोत्सव मनाएं। यह उपाय जीवन में शांति, प्रेम और समृद्धि लाता है।
- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करें।
- तुलसी दल, मक्खन और मिश्री अर्पित करें।
- भगवत गीता का पाठ या सुनना अत्यंत शुभ माना जाता है।
दान-पुण्य
भाद्रपद मास में गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- अनाज और गुड़ का दान विशेष फलदायक माना जाता है।
- ब्राह्मणों और वृद्धों को भोजन कराना पुण्यकारी होता है।
- मंदिरों में दीपदान करने से भी भाग्य में वृद्धि होती है।
स्नान-दान
- इस मास में पवित्र नदियों या कुंडों में स्नान करके सूर्य और विष्णु को अर्घ्य देना चाहिए।
- स्नान के बाद दान करने से दोगुना फल मिलता है।
- जल में कच्चा दूध, तिल या पुष्प मिलाकर स्नान करना अत्यधिक शुभ माना गया है।
मंत्र जाप
मंत्रों का जाप मानसिक शांति, ऊर्जा वृद्धि और नकारात्मकता को दूर करता है।
- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ और ‘ॐ गं गणपतये नमः’ इन दोनों मंत्रों का नियमित रूप से जाप करें।
- रोजाना सुबह और शाम 11, 21 या 108 बार इन मंत्रों का उच्चारण करें।
- जाप के समय शांत वातावरण और एकाग्र चित्त होना चाहिए।
मंगलवार और बुधवार को पूजा करने से नए काम में मिलती है सफलता
- भाद्रपद मास में नजदीकी श्रीकृष्ण या गणेश मंदिर में जाकर दर्शन करें और घी का दीपक जलाएं।
- हर मंगलवार और बुधवार को विशेष रूप से पूजा करने से कार्यों में गति आती है।
- मंदिर में फूल, फल और नैवेद्य चढ़ाने से देव कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।