हिंदू धर्म में किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। घर या संपत्ति खरीदना एक बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय होता है, इसलिए इसके लिए केवल शुभ दिन और समय ही चुना जाता है। आषाढ़ मास, जो हिंदू पंचांग के अनुसार वर्षा ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है, कई दृष्टिकोणों से धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भी कुछ ऐसे मुहूर्त आते हैं, जो संपत्ति खरीदने के लिए बेहद शुभ होते हैं। नीचे 2025 के आषाढ़ मास में आने वाले शुभ संपत्ति क्रय मुहूर्त की जानकारी दी गई है, जो पंचांगों और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है।
विशेषता: यह दिन बृहस्पतिवार को पड़ता है, जिसे गुरु ग्रह का दिन माना जाता है और संपत्ति संबंधी लेन-देन के लिए शुभ समझा जाता है।
विशेषता: यह दिन शुक्र के प्रभाव में आता है, और शुक्र सौंदर्य, समृद्धि और सुख-सुविधाओं का कारक है। इसलिए इस दिन की संध्या तक किया गया क्रय लाभकारी माना जाता है।
विशेषता: रात्रिकालीन यह मुहूर्त विशेष रूप से तांत्रिक उपायों और गुप्त संपत्ति के मामलों में उपयोगी माना गया है।
विशेषता: यह दिन पूरे दिन तक क्रय-विक्रय के लिए उत्तम है और ग्रह-नक्षत्रों की अनुकूलता बनी रहती है।
विशेषता: पुनर्वसु नक्षत्र माता आदिति का प्रतीक है, जो समृद्धि और सुरक्षा का संकेत देता है।
विशेषता: यह अल्पकालिक मुहूर्त सुबह के समय है और छोटे लेन-देन या भुगतान जैसे कार्यों के लिए शुभ है।
विशेषता: पूर्णिमा और प्रतिपदा का यह संयोग अत्यंत दुर्लभ और शुभ माना गया है, जो किसी भी स्थायी संपत्ति निवेश के लिए आदर्श समय माना जाता है।
कार्तिगाई दीपम का पर्व मुख्य रूप से तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
मासिक कार्तिगाई हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने आने वाला एक पवित्र दिन है। यह चंद्र मास के कार्तिगाई नक्षत्र के दौरान मनाया जाता है। साल 2025 में फरवरी माह में भी मासिक कार्तिगाई का त्योहार मनाया जाएगा।
सनातन हिंदू धर्म में, हर महीने मां दुर्गा के निमित्त मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत और पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा का व्रत करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।
भारत को आध्यात्म और साधना का प्रमुख केंद्र माना जाता है। वर्तमान में चल रहे महाकुंभ ने फिर से पूरे विश्व में यह बात पहुचाई है। नवरात्रि के अलावा यहां प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भी दुर्गाष्टमी मनाई जाती है।