हिंदू पंचांग का चौथा महीना ‘आषाढ़’ धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र और विशेष फलदायक माना गया है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसमें देवशयनी एकादशी, गुप्त नवरात्रि, रथयात्रा जैसे कई महत्वपूर्ण पर्व आते हैं। वर्ष 2025 में आषाढ़ मास का आरंभ 12 जून से हो रहा है और यह 10 जुलाई को समाप्त होगा।
आषाढ़ माह भगवान विष्णु की उपासना और ध्यान का विशेष काल माना जाता है। इस महीने में ‘देवशयनी एकादशी’ आती है, जिस दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस एकादशी से ‘चातुर्मास’ की शुरुआत होती है, जो चार महीनों तक चलता है और इस दौरान सभी मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। यह समय आत्मशुद्धि, ध्यान और भक्ति का होता है।
वैदिक मंत्रों का पाठ शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है। ये मंत्र दिव्य शक्तियों से जुड़े होते हैं, जो हमारे जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार करते हैं।
राधा कृष्ण ने मिल कर खेली बरसाने की होली,
संग किशन के ग्वाल सखा है सखियाँ राधा टोली,
नैनन में पिचकारी दई,
मोय गारी दई,
हनुमत जय बजरंगबली,
आपका नाम जपा है जिसने,