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28 June 2025 Panchang (28 जून 2025 का पंचांग )

28 June 2025 Panchang (28 जून 2025 का पंचांग )

Aaj Ka Panchang: आज 28 जून 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 28 June 2025: आज 28 जून 2025 को आषाढ़ माह का 18वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष तिथि तृतीया है। आज शनिवार का दिन है। सूर्य मिथुन राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:57 ए एम से 12:52 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 08:55 ए एम से 10:40 ए एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित होता है। आज विनायक चतुर्दशी का भी त्योहार है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 28 जून 2025

  • तिथि - आषाढ़ शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि  
  • नक्षत्र - आर्द्रा
  • दिन/वार - शनिवार
  • योग - हर्षण और वज्र  
  • करण - गर, वाणिज और विष्टि  

आषाढ़ शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि प्रारंभ - 11:19 ए एम तक से

आषाढ़ शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि समाप्त - 09:53 ए एम तक

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे।  
  • चंद्र - चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे।  

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - 05:26 ए एम 
  • सूर्यास्त - 07:23 पी एम 
  • चन्द्रोदय - 08:09 ए एम
  • चन्द्रास्त - 10:04 पी एम 

आज का शुभ मुहूर्त और योग 28 जून 2025

  • रवि योग - 06:35 ए एम से 05:26 ए एम, जून 29
  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:05 ए एम से 04:46 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:57 ए एम से 12:52 पी एम 
  • अमृत काल - 04:58 ए एम, जून 29 से 06:34 ए एम, जून 29
  • विजय मुहूर्त - 02:44 पी एम से 03:40 पी एम 
  • गोधूलि मुहूर्त - 07:22 पी एम से 07:42 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 07:23 पी एम से 08:23 पी एम

आज का अशुभ मुहूर्त 28 जून2025

  • राहु काल - 08:55 ए एम से 10:40 ए एम
  • गुलिक काल - 05:26 ए एम से 07:10 ए एम
  • यमगंड - 02:09 पी एम से 03:54 पी एम।  
  • दिशाशूल - पूर्व, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • वर्ज्य - 07:23 पी एम से 08:58 पी एम
  • विडाल योग - 05:26 ए एम से 06:35 पी एम 
  • गण्ड मूल - नहीं हैं 
  • भद्रा - 09:28 पी एम से 05:26 ए एम, जून 29

28 जून 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • शनिवार का व्रत - आज आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है। 
  • शनिवार के उपाय - शनिवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भगवान शनि की पूजा करना शुभ माना जाता है। शनिवार के दिन काले वस्त्र धारण करने, काले तिल, काले चने और काली उड़द का दान करने से भी लाभ होता है। इसके अलावा, इस दिन शनि मंदिर में जाकर भगवान शनि की पूजा करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं।

विनायक चतुर्थी का महत्व

विनायक चतुर्थी हर माह कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है, लेकिन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विशेष रूप से पूजनीय माना गया है। यह दिन भगवान श्रीगणेश को समर्पित होता है, जो विघ्नहर्ता, बुद्धिदाता और शुभ कार्यों के अधिष्ठाता हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन गणेश जी की पूजा करने से बुद्धि, विवेक, व्यापार और विद्या में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में आ रहे अड़चनों, कोर्ट-कचहरी के मामलों, ऋण या पारिवारिक कलह जैसी समस्याओं का निवारण होता है।

विनायक चतुर्थी के उपाय

इस दिन प्रातः स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनकर भगवान गणेश की प्रतिमा के समक्ष दूर्वा, मोदक, सिंदूर और लाल फूल अर्पित करें। "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। शाम के समय गाय को हरी दूर्वा या गुड़ खिलाना शुभ माना जाता है। संकटों से मुक्ति के लिए चतुर्थी की रात्रि को चंद्रमा को अर्घ्य देते हुए "सिंहिका गर्भसंभूते चन्द्रमांडल सम्भवे। अर्घ्यं गृहाण शंखेन मम दोषं विनाशय॥" मंत्र बोलकर जल अर्पित करें। यदि संभव हो तो चतुर्थी का व्रत रखें, जिससे ग्रहबाधा और ऋण जैसे दोष शांत होते हैं।

रवियोग का महत्व और उपाय

रवियोग को ज्योतिष में अत्यंत शुभ और प्रभावशाली योग माना गया है, जो जब सूर्य और चंद्रमा विशेष राशि व नक्षत्रों में स्थित होते हैं, तब बनता है। यह योग किसी भी कार्य की शुरुआत, खरीदारी, यात्रा, विद्या, विवाह या व्यापार जैसे कार्यों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। मान्यता है कि रवियोग में किए गए कार्य विघ्नों से मुक्त होकर सफल होते हैं और दीर्घकाल तक फल देते हैं। इस योग में पीले वस्त्र पहनकर सूर्य को अर्घ्य देना, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना और जरूरतमंदों को गेहूं, गुड़ या तांबे का दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में तेज, सफलता व समृद्धि आती है।

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