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बुध के वृश्चिक गोचर से प्रभाव

बुध के वृश्चिक गोचर से प्रभाव

Shukra Gochar: आज शुक्र करेंगे वृश्चिक राशि में गोचर, इन 3 राशियों पर दिखेगा प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों का गोचर हमारे जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आता है। 26 नवंबर 2025 को शुक्र वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य और मंगल पहले से इस राशि में स्थित हैं, इसलिए शुक्र का आना ऊर्जा, भावनाओं और संबंधों में तीव्रता बढ़ा सकता है। यह समय तीन राशियों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण होगा। करियर में रुकावटें, प्रेम संबंधों में गलतफहमियां, स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें और व्यापार में जोखिम बढ़ सकते हैं। मानसिक शांति में कमी और काम का दबाव भी महसूस होगा। आइए जानते हैं किन तीन राशियों को इस गोचर के दौरान अधिक ध्यान और धैर्य की आवश्यकता होगी।

मिथुन राशि 

शुक्र का यह गोचर मिथुन राशि के छठे भाव में हो रहा है, जो स्वास्थ्य और कार्यक्षेत्र का कारक माना जाता है। इस दौरान आपके काम का बोझ बढ़ सकता है और मानसिक तनाव भी रहेगा। पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं फिर उभर सकती हैं या नई परेशानी आपको थका सकती है। व्यवसाय में मंदी का असर दिख सकता है और किसी गलत फैसले की वजह से नुकसान भी हो सकता है। प्रेम संबंधों में विवाद या दूरी आने के संकेत हैं, इसलिए शांत मन से बातचीत करें। मेहनत का फल देर से मिलेगा, लेकिन लगातार प्रयास आपको सही दिशा में आगे बढ़ाएंगे।

कुंभ राशि 

कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र का गोचर दसवें भाव में हो रहा है, जो करियर और प्रतिष्ठा से जुड़ा है। इस समय नौकरी में सफलता मिलना कठिन हो सकता है। सहकर्मियों के साथ मतभेद या गलतफहमी आपके काम पर असर डाल सकती है। व्यापार में धन लेन-देन सोच-समझकर करें, क्योंकि छोटी चूक बड़ा नुकसान कर सकती है। घर-परिवार में किसी बात को लेकर तनाव बढ़ सकता है। बेरोजगार लोगों को अभी और प्रतीक्षा करनी होगी। धैर्य बनाए रखें और जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं।

मीन राशि 

मीन राशि के लिए शुक्र का वृश्चिक में यह गोचर नवम भाव में हो रहा है, जो भाग्य, यात्रा और व्यापार का भाव माना जाता है। व्यापारियों को इस समय सोच-समझकर निर्णय लेना होगा, क्योंकि जल्दबाजी में किया गया कोई कदम नुकसानी साबित हो सकता है। प्रेम संबंधों में साथी की भावनाओं को प्राथमिकता दें, अन्यथा गलतफहमियां बढ़ सकती हैं। कोर्ट-कचहरी या कागजी कार्यवाही से जुड़ी भागदौड़ बढ़ सकती है। वैवाहिक जीवन में हल्का तनाव संभव है। धन और निवेश से जुड़े मामलों में विशेष सतर्कता जरूरी है।

गोचर क्या होता है? 

ज्योतिष में गोचर का अर्थ है ग्रहों की वर्तमान स्थिति किस समय कौन-सा ग्रह किस राशि में मौजूद है। जन्म कुंडली स्थिर रहती है, लेकिन ग्रह लगातार गति करते हैं और उनके इसी परिवर्तन का जीवन पर असर पड़ता है। इसे ही गोचर फल कहा जाता है। गोचर के कई नियम वैदिक ज्योतिष में वर्णित हैं—जैसे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या, वेध गोचर, गुरु का गोचर जो विवाह, धन और संतानों पर प्रभाव डालता है, तथा मंगल का गोचर जो क्रोध, दुर्घटना और साहस को प्रभावित करता है। शुक्र का गोचर

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