मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया,
कश्ती मेरी लगा दो,
कश्ती मेरी लगा दो,
उस पार ओ कन्हैया ॥
मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया,
कश्ती मेरी लगा दो,
कश्ती मेरी लगा दो,
उस पार ओ कन्हैया ॥
मेरी अरदास सुन लीजे,
प्रभु सुध आन कर लीजे,
दरश इक बार तो दीजे,
मैं समझूंगा श्याम रीझे,
पतवार थाम लो तुम,
मजधार में है नैय्या,
मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया ॥
भगत बेचैन है तुम बिन,
तरसते नैन है तुम बिन,
अँधेरी रेन है तुम बिन,
कही ना चैन है तुम बिन,
है उदास देखो तुम बिन,
है उदास देखो तुम बिन,
गोपी ग्वाल गैय्या,
मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया ॥
दयानिधि नाम है तेरा,
कहाते हो अंतर्यामी,
समाये हो चराचर में,
सकल संसार के स्वामी,
नमामि नमामि हरदम,
नमामि नमामि हरदम,
त्रिजधाम के बसैया,
मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया ॥
तेरी यादो का मन मोहन,
ये दिल में उमड़ा है सावन,
बुझेगी प्यास इस दिल की,
सुनूंगा जब तेरा आवन,
पावन पतित को करना,
पावन पतित को करना,
जगदीश ओ कन्हैया,
मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया ॥
मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया,
कश्ती मेरी लगा दो,
उसपार ओ कन्हैया ॥
स्वामीनारायण जयंती हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान स्वामीनारायण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में माता महातारा को आदि शक्ति का एक दिव्य और शक्तिशाली रूप माना जाता है। दस महाविद्याओं में से एक, महातारा देवी को ज्ञान, सिद्धि और सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है।
हिंदू धर्म में दस महाविद्याओं का विशेष स्थान है, जिनमें से एक देवी महातारा हैं। उन्हें शक्ति, ज्ञान और विनाश की देवी माना जाता है। देवी महातारा का स्वरूप गहरे नीले रंग का होता है, उनकी चार भुजाएं होती हैं और वे त्रिनेत्री हैं।
राम नवमी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण और विशेष पर्व है। यह पर्व हर वर्ष चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।