मैं हूँ शरण में तेरी संसार के रचैया: भजन (Main Hun Sharan Me Teri)

मैं हूँ शरण में तेरी,

संसार के रचैया,

कश्ती मेरी लगा दो,

कश्ती मेरी लगा दो,

उस पार ओ कन्हैया ॥


मैं हूँ शरण में तेरी,

संसार के रचैया,

कश्ती मेरी लगा दो,

कश्ती मेरी लगा दो,

उस पार ओ कन्हैया ॥


मेरी अरदास सुन लीजे,

प्रभु सुध आन कर लीजे,

दरश इक बार तो दीजे,

मैं समझूंगा श्याम रीझे,

पतवार थाम लो तुम,

मजधार में है नैय्या,

मैं हूँ शरण में तेरी,

संसार के रचैया ॥


भगत बेचैन है तुम बिन,

तरसते नैन है तुम बिन,

अँधेरी रेन है तुम बिन,

कही ना चैन है तुम बिन,

है उदास देखो तुम बिन,

है उदास देखो तुम बिन,

गोपी ग्वाल गैय्या,

मैं हूँ शरण में तेरी,

संसार के रचैया ॥


दयानिधि नाम है तेरा,

कहाते हो अंतर्यामी,

समाये हो चराचर में,

सकल संसार के स्वामी,

नमामि नमामि हरदम,

नमामि नमामि हरदम,

त्रिजधाम के बसैया,

मैं हूँ शरण में तेरी,

संसार के रचैया ॥


तेरी यादो का मन मोहन,

ये दिल में उमड़ा है सावन,

बुझेगी प्यास इस दिल की,

सुनूंगा जब तेरा आवन,

पावन पतित को करना,

पावन पतित को करना,

जगदीश ओ कन्हैया,

मैं हूँ शरण में तेरी,

संसार के रचैया ॥


मैं हूँ शरण में तेरी,

संसार के रचैया,

कश्ती मेरी लगा दो,

उसपार ओ कन्हैया ॥

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साथी हारे का तू, मुझको भी श्याम जीता दे(Sathi Hare Ka Tu Mujhko Bhi Shyam Jeeta De)

साथी हारे का तू,
मुझको भी श्याम जीता दे,

वृन्दावन के ओ बांके बिहारी (Vrindavan Ke O Banke Bihari )

वृन्दावन के ओ बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ॥

वृश्चिक संक्रांति का मुहूर्त

भगवान सूर्य देव की उपासना का दिन वृश्चिक संक्रांति हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहार में से एक है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को धन वैभव की प्राप्ति के साथ दुःखों से मुक्ति मिलती है। लेकिन क्या आपको पता है इस साल वृश्चिक संक्रांति कब हैं। वृश्चिक संक्रांति 2824 को लेकर थोड़ा असमंजस है।

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