मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया,
कश्ती मेरी लगा दो,
कश्ती मेरी लगा दो,
उस पार ओ कन्हैया ॥
मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया,
कश्ती मेरी लगा दो,
कश्ती मेरी लगा दो,
उस पार ओ कन्हैया ॥
मेरी अरदास सुन लीजे,
प्रभु सुध आन कर लीजे,
दरश इक बार तो दीजे,
मैं समझूंगा श्याम रीझे,
पतवार थाम लो तुम,
मजधार में है नैय्या,
मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया ॥
भगत बेचैन है तुम बिन,
तरसते नैन है तुम बिन,
अँधेरी रेन है तुम बिन,
कही ना चैन है तुम बिन,
है उदास देखो तुम बिन,
है उदास देखो तुम बिन,
गोपी ग्वाल गैय्या,
मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया ॥
दयानिधि नाम है तेरा,
कहाते हो अंतर्यामी,
समाये हो चराचर में,
सकल संसार के स्वामी,
नमामि नमामि हरदम,
नमामि नमामि हरदम,
त्रिजधाम के बसैया,
मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया ॥
तेरी यादो का मन मोहन,
ये दिल में उमड़ा है सावन,
बुझेगी प्यास इस दिल की,
सुनूंगा जब तेरा आवन,
पावन पतित को करना,
पावन पतित को करना,
जगदीश ओ कन्हैया,
मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया ॥
मैं हूँ शरण में तेरी,
संसार के रचैया,
कश्ती मेरी लगा दो,
उसपार ओ कन्हैया ॥
कभी आपने सोचा है कि महादेव की तीसरी आंख क्यों चमकती है? क्या आप जानते हैं कि इस तीसरी आंख ने कई बार संसार को बचाया भी है और तबाह भी किया है। हिंदू धर्म में महादेव को देवों के देव कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों में भगवान शिव की अनेकों कथाएं प्रचलित हैं।
कुंभ मेला भारत की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, जिसे विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है। हर 12 साल में होने वाले इस आयोजन का मुख्य आकर्षण साधु संतों के अखाड़े होते हैं। अखाड़े हिंदू धर्म के प्रमुख संगठन , जो सनातन के प्रचार-प्रसार का काम करते है।
प्रयागराज हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में गिना जाता है। महादेव की इस पावन नगरी में 12 जनवरी से 26 फरवरी के बीच कुंभ मेले का आयोजन होने वाला है। देश-दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां के संगम घाट पर स्नान करने पहुचेंगे। यह घाट करोड़ों श्रद्धालुओं को सबसे बड़ा आस्था का केंद्र है।
प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से 26 फरवरी से कुंभ मेला का आयोजन होने वाला है। इसके लिए तैयारियां जोरों- शोरों से चल रही है। हिंदू धर्म के मुताबिक कुंभ में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।