विधाता तू हमारा है - प्रार्थना (Vidhata Tu Hamara Hai: Prarthana)

विधाता तू हमारा है,
तू ही विज्ञान दाता है ।
बिना तेरी दया कोई,
नहीं आनन्द पाता है ॥

तितिक्षा को कसौटी से,
जिसे तू जांच लेता है ।
उसी विद्याधिकारी को,
अविद्या से छुड़ाता है ॥

सताता जो न औरों को,
न धोखा आप खाता है ।
वही सद्भक्त है तेरा,
सदाचारी कहाता है ॥

सदा जो न्याय का प्यारा,
प्रजा को दान देता है ।
महाराजा ! उसी को तू,
बड़ा राजा बनाता है ॥

तजे जो धर्म को,
धारा कुकर्मों को बहाता है ।
न ऐसे नीच पापी को,
कभी ऊंचा चढ़ाता है ॥

स्वयंभू शंकरानन्दी तुझे जो जान लेता है ।
वही कैवल्य सत्ता की महत्ता में समाता है ॥

........................................................................................................
नामवली: रामायण मनका 108(Namavali: Ramayan Manka 108)

रघुपति राघव राजाराम ।
पतितपावन सीताराम ॥

ममता मई माँ हे जगदम्बे(Mamtamayi Maa Hey Jagdambe)

ममता मई माँ हे जगदम्बे,
मेरे घर भी आ जाओ,

म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे सांवरा गिरधारी (Mari Hundi Swikaro Maharaj Re)

म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे,
सांवरा गिरधारी,

नरसिंह द्वादशी 2025 तिथि और महत्व

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के अवतार भगवान नरसिंह भगवान की पूजा करने की परंपरा है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।