छोटी सी किशोरी मोरे अंगना मे डोले रे (Chhoti Si Kishori More Angana Me Dole Re)

छोटी सी किशोरी, मोरे अंगना मे डोले रे

छोटी सी किशोरी, मोरे अंगना मे डोले रे


मैने बासों पूछी लाली, कौन तेरो गाव रे

मैने बासों पूछी लाली, कौन तेरो गाव रे

वो तो तोतली बोली बोले मैं तो बरसाने बेटी रे,

छोटी सी किशोरी मोरे अंगना मे डोले रे


मैने बासों पूछी लाली, कहा तिहरा नाम है

मैने बासों पूछी लाली, कहा तिहरा नाम है

हास हास के बटावे वोटो, राधा मेरो नाम रे

छोटी सी किशोरी मोरे अंगना मे डोले रे


मैंने बासों पूछो लाली माखन खाओ गी,

मैंने बासों पूछो लाली माखन खाओ गी,

आहा आहा करके मेरे आगे पीछे धोले रे,

छोटी सी किशोरी मोरे अंगना मे डोले रे


मैने बासों पूछी लाली, कौन तेरो ससुराल रे

मैने बासों पूछी लाली, कौन तेरो ससुराल रे

शर्माके बोली मोसे, नंद गाव ससुराल रे

छोटी सी किशोरी मोरे अंगना मे डोले रे


मैने बासों पूछी लाली, कौन तेरो भरतार रे

मैने बासों पूछी लाली, कौन तेरो भरतार रे

अरे शर्माके यु बोली मोसे, श्याम सुन्दर भरदार है

छोटी सी किशोरी मोरे अंगना मे डोले रे


छोटी सी किशोरी, मोरे अंगना मे डोले रे

छोटी सी किशोरी, मोरे अंगना मे डोले रे

पाओ मे पायलिया बजे, झूम झूमा झूम बोले रे

छोटी सी किशोरी, मोरे अंगना मे डोले रे

पाओ मे पायलिया बजे, झूम झूमा झूम बोले रे

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म्हने हिचक्या आवे जी (Mhane Hichkiyan Aave Ji)

अरज लगावे जी,
सांवरिया थासु अरज लगावे जी,

आउंगी आउंगी मै अगले, बरस फिर आउंगी (Aaungi Aaungi Main Agle Baras Phir Aaungi)

आउंगी आउंगी मैं अगले,
बरस फिर आउंगी,

गुरु पूर्णिमा की रोचक कथा

वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह पूर्णिमा तिथि आती है, और इस दिन व्रत का विधान होता है। हालांकि, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

श्री भगवत गीता चालीसा (Shri Bhagwat Geeta Chalisa)

प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ | हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ ||१||
गीत सुनाऊँ अद्भुत यार | धारण से हो बेड़ा पार ||२||

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