छोटी सी किशोरी, मोरे अंगना मे डोले रे
छोटी सी किशोरी, मोरे अंगना मे डोले रे
मैने बासों पूछी लाली, कौन तेरो गाव रे
मैने बासों पूछी लाली, कौन तेरो गाव रे
वो तो तोतली बोली बोले मैं तो बरसाने बेटी रे,
छोटी सी किशोरी मोरे अंगना मे डोले रे
मैने बासों पूछी लाली, कहा तिहरा नाम है
मैने बासों पूछी लाली, कहा तिहरा नाम है
हास हास के बटावे वोटो, राधा मेरो नाम रे
छोटी सी किशोरी मोरे अंगना मे डोले रे
मैंने बासों पूछो लाली माखन खाओ गी,
मैंने बासों पूछो लाली माखन खाओ गी,
आहा आहा करके मेरे आगे पीछे धोले रे,
छोटी सी किशोरी मोरे अंगना मे डोले रे
मैने बासों पूछी लाली, कौन तेरो ससुराल रे
मैने बासों पूछी लाली, कौन तेरो ससुराल रे
शर्माके बोली मोसे, नंद गाव ससुराल रे
छोटी सी किशोरी मोरे अंगना मे डोले रे
मैने बासों पूछी लाली, कौन तेरो भरतार रे
मैने बासों पूछी लाली, कौन तेरो भरतार रे
अरे शर्माके यु बोली मोसे, श्याम सुन्दर भरदार है
छोटी सी किशोरी मोरे अंगना मे डोले रे
छोटी सी किशोरी, मोरे अंगना मे डोले रे
छोटी सी किशोरी, मोरे अंगना मे डोले रे
पाओ मे पायलिया बजे, झूम झूमा झूम बोले रे
छोटी सी किशोरी, मोरे अंगना मे डोले रे
पाओ मे पायलिया बजे, झूम झूमा झूम बोले रे
धनतेरस में खरीदारी का विशेष महत्व है। इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए राशिनुसार कुछ विशेष वस्तुएं खरीदना अत्यंत शुभ होता है।
धनतेरस का पर्व धन, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। इस दिन यम नियम से वस्तुएं खरीदने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य और ऐश्वर्य निवास करता है।
भारत में धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, पांच दिवसीय दिवाली उत्सव की शुरुआत मानी जाती है। इस वर्ष यह दिन आज यानी 29 अक्टूबर (मंगलवार) को है।
“धनतेरस”, पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाता है। कई स्थानों पर इस दिन को धनत्रयोदशी भी कहते हैं। इस दिन का विशेष महत्व है।