विसर्जन को चलीं रे, चली रे मोरी मैया (Visarjan Ko Chali Re Chali Mori Maiya)

विसर्जन को चली रे,
चली रे मोरी मैया,
विदाई से आज मोरी,
विदाई से आज मोरी,
भर आई है अखियां,
विसर्जन को चलीं रे,
चली रे मोरी मैया ॥

नौ दिन माई तेरी सेवा में बीते,
अब कैसे विरहा की ये रैन बीते,
नौ दिन माई तेरी सेवा में बीते,
तुझ बिन लगेगी माई,
सुनी सुनी गलियां,
विसर्जन को चलीं रे,
चली रे मोरी मैया ॥

आज चली रे धाम भवानी,
सुना करके आज भवानी,
आज चली रे धाम भवानी,
जाए सही ना माई,
विरहा की घड़ियाँ,
विसर्जन को चलीं रे,
चली रे मोरी मैया ॥

रो रो कर करते है विदाई,
अगले बरस फिर आना है माई,
रो रो कर करते है विदाई,
तुझसे बिछड़ के मैया,
बन ना जाऊं मैं जोगनिया,
विसर्जन को चलीं रे,
चली रे मोरी मैया ॥

विसर्जन को चली रे,
चली रे मोरी मैया,
विदाई से आज मोरी,
विदाई से आज मोरी,
भर आई है अखियां,
विसर्जन को चलीं रे,
चली रे मोरी मैया ॥

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तेरे दर पे मॉ, जिंदगी मिल गई है(Tere Dar Pe Maa Zindagi Mil Gayi Hai)

तेरे दर पे माँ,
जिंदगी मिल गई है,

रवि प्रदोष व्रत के उपाय

हिंदू धर्म में, प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी को मनाया जाएगा। सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है उसी के नाम पर उस प्रदोष का नाम रखा जाता है।

नई दुकान की पूजा विधि

किसी भी व्यक्ति के लिए नया व्यापार शुरू करना जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। यह एक नई उम्मीद और सपनों की शुरुआत होती है। इसी कारण हर व्यवसायी अपनी दुकान की स्थापना के समय पूजा करता है।

मौनी अमावस्या का महत्व

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को अत्यंत शुभ और पवित्र माना गया है। वर्षभर में 12 अमावस्या तिथियां आती हैं, लेकिन माघ मास में पड़ने वाली मौनी अमावस्या को विशेष आध्यात्मिक महत्ता प्राप्त है।

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