सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
केकरा के राम बबुआ केकरा के लछुमन
केकरा के भरत भुवाल ए सखी
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
कौशल्या के राम बबुआ सुमित्रा के लछुमन
ककई के भरत भुवाल ए सखी
चारों भाइयन के आरती उतारूँ ए सखी
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
कवने रंग राम बबुआ कवने रंग लछुमन
कवने रंग भरत भुवाल ए सखी
राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
श्याम रंग राम बबुआ गोरे रंग लछुमन
पित रंग भरत भुवाल ए सखी
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
सर को झुकालो,
शेरावाली को मानलो,
हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।
प्रत्येक माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत अपने विशेष महत्व के लिए ही जाने जाते हैं। पर साल 2024 में पौष माह के प्रदोष व्रत को ख़ास माना जा रहा है।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और शनिदेव के आराधना के लिए समर्पित होता है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आने वाले इस व्रत में शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।