राजा राम जी की आरती उतारू रे सखी (Sita Ram Ji Ke Aarti Utaru Ae Sakhi)

सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी

केकरा के राम बबुआ केकरा के लछुमन

केकरा के भरत भुवाल ए सखी

सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी


सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी

राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी


कौशल्या के राम बबुआ सुमित्रा के लछुमन

ककई के भरत भुवाल ए सखी

चारों भाइयन के आरती उतारूँ ए सखी


सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी

राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी


कवने रंग राम बबुआ कवने रंग लछुमन

कवने रंग भरत भुवाल ए सखी

राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी


सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी

राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी


श्याम रंग राम बबुआ गोरे रंग लछुमन

पित रंग भरत भुवाल ए सखी

सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी


सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी

राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी

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श्री गिरिराज जी की आरती (Shri Giriraj Ji Ki Aarti)

ॐ जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय जय गिरिराज।
संकट में तुम राखौ,निज भक्तन की लाज॥

लेके पूजा की थाली, ज्योत मन की जगाली(Leke Pooja Ki Thali Jyot Man Ki Jagali)

लेके पूजा की थाली
ज्योत मन की जगा ली

आरती पुराण जी की (Aarti Puran Ji Ki)

आरती अतिपावन पुराण की,
धर्म भक्ति विज्ञान खान की,

भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे (Bhajan Shyam Sundar Ka Jo Karte Rahoge)

भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।

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