सोनपुर मेला: बिहार का विश्व प्रसिद्ध मेला और गज-ग्राह युद्ध की कहानी

बिहार के इस स्थान पर लगता है विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला, गज और ग्राह का युद्ध से जुड़ी है कहानी 


सोनपुर के बाबा हरिहर नाथ में प्रसिद्ध मेले के पीछे एक बड़ी रोचक कथा प्रचलित है। एक बार एक हाथी और मगरमच्छ के बीच यहां भयंकर युद्ध शुरू हो गया। इस युद्ध को भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र चलाकर समाप्त किया। तभी से यहां पशु मेला लगने लगा। भक्त यहां दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं। कहा जाता है कि यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान विष्णु और शिव दोनों एक साथ शिवलिंग में विराजित हैं। 


जानिए क्या है कहानी


पौराणिक कथा के अनुसार यहां एक बार गंडक नदी के तट पर गज पानी पीने आया तो नदी में मौजूद ग्राह यानी मगरमच्छ ने उसे अपने मजबूत जबड़ों और दातों की मदद से जकड़ लिया। मगरमच्छ के जबड़ों से खुद को बचाने के लिए गज (हाथी) बहुत समय तक लड़ता रहा। इस दौरान गज ने बहुत ही मार्मिक भाव से भगवान विष्णु को याद किया। ऐसे में अपने भक्त गज को ग्राह से बचाने के लिए भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र चलाना पड़ा जिसके बाद गज और ग्राह के बीच का संघर्ष समाप्त हुआ। 


इसलिए अनोखा है ये मंदिर


बाबा हरिहरनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पवन कुमार का कहना है कि गंगा और गंडक नदी के संगम स्थल पर देश का ये पहला ऐसा अनोखा मंदिर है जहां एक ही शिवलिंग पर भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों ही मौजूद हैं। भगवान विष्णु और भगवान शिव समन्वय का प्रतीक हैं। विश्व में कहीं भी किसी भी पौराणिक मंदिर में भगवान विष्णु और भगवान शिव एक साथ नहीं मिलेंगे। अन्य किसी भी मंदिर में शिव और विष्णु अलग-अलग ही मिलेंगे। सिर्फ बिहार के सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर में भगवान विष्णु और भगवान शिव एक साथ विराजमान हैं।


यहां मनोकामनाएं हो जाती हैं पूर्ण

 

श्री नारायण और भगवान भोलेनाथ की एक साथ पूजा करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती हैं। बाबा हरिहरनाथ मंदिर में सुबह से ही पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगती है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। स्नान करने के बाद भक्त बाबा हरिहरनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए जाते हैं। यहां विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र का सोनपुर मेला खूब प्रसिद्ध है। यही कारण है कि यहां देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते हैं। 


यहां लगता विश्व प्रसिद्ध पशु मेला


सोनपुर में विश्व प्रसिद्ध पशु मेला लगता है। ऐसी मान्यता है कि इस पशु मेले से पशु खरीदना शुभ होता है। यह मेला ऐतिहासिक रूप से तब शुरू हुआ जब चंद्रगुप्त मौर्य ने गंगा नदी के पार हाथी और घोड़े खरीदे। तभी से यहां मेला लगने की परंपरा शुरु हो गई। सोनपुर पशु मेला मध्य एशिया समेत दूर-दूर के व्यापारियों को आकर्षित करता है। इस बार हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला 13 नवंबर से 14 दिसंबर तक यानी कुल 32 दिनो तक चलेगा।


इस बार खास है व्यवस्था


छत्तर या सोनपुर मेला बिहार के सोनपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा में लगता हैं। मेले को 'हरिहर क्षेत्र मेला' के नाम से भी जाना जाता है। जबकि यहां के स्थानीय लोगों के बीच ये छत्तर मेला के नाम से प्रसिद्ध है। विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में इस बार एडवेंचर स्पोर्ट्स, बाइक राइडिंग, प्रसिद्ध हस्तियों का टॉक शो व स्टार कलाकारों की शानदार प्रस्तुति से रंग जमेगा। बता दें कि छत्तर मेला इस वर्ष 13 नवंबर से लेकर 14 दिसंबर तक रहेगा। 


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