Logo

चैत्र नवरात्रि तीसरे दिन की पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि तीसरे दिन की पूजा विधि

Navratri 3nd Day Puja Vidhi: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की नवरात्रि में ऐसे करें पूजा विधि, माता का मिलेगा आशीर्वाद


चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं, जिनके मस्तक पर अर्धचंद्र की संरचना बनी है इसीलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। देवी दुर्गा का यह स्वरूप शौर्य और सौम्यता का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा की पूजा से भय, रोग और शत्रु का नाश होता है।


मां चंद्रघंटा की पूजन सामग्री


मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए कुछ सामग्री का बहुत महत्त्व है। इसलिए आप पहले से ही इन्हें खरीद कर रख लें, ताकि पूजा में किसी बाधा का सामना न करना पड़े।


  • गंगाजल और शुद्ध जल
  • अरहुल के फूल, कमल और विशेष रूप से पीले गुलाब की माला
  • लाल अक्षत (ध्यान रखें कि चावल टूटे न हों)
  • दूध से बनी मिठाइयां और मखाना
  • घी, धूप और दीया
  • दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा की पुस्तक


मां चंद्रघंटा को अर्पित करें खीर


  • सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर हल्के रंग के कपड़े पहनें।
  • अपने पूजा स्थल को गंगाजल से साफ करें।
  • सबसे पहले मां चंद्रघंटा को शुद्ध जल अर्पित करें।
  • उन्हें अरहुल का फूल, कमल अर्पित करें और पीले गुलाब की माला पहनाएं।
  • फिर उन्हें सिंदूर और अक्षत अर्पित करें।
  • घी का दीपक जलाएं और धूप दिखाएं।
  • मां चंद्रघंटा को खीर का भोग लगाएं।
  • "या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।" का मंत्र जाप करें। साथ ही दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ कर आरती करें।


मां चंद्रघंटा की पूजा से मिलेगी मानसिक शांति


मां चंद्रघंटा अपने भक्तों को सफलता, शक्ति और आत्मविश्वास देती है, जिससे वे कैसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए निडर बन जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा की विधिवत रूप से पूजा करने से तन हमेशा स्वस्थ रहता है और मन में खुशी बनी रहती है। मानसिक तनाव से पीड़ित लोगों को शांति के लिए देवी दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा करना बहुत फलदायक होता है। चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन पूरे मन से पूजा करें और मां चंद्रघंटा का अपार आशीर्वाद प्राप्त करें।


........................................................................................................
यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang