चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं, जिनके मस्तक पर अर्धचंद्र की संरचना बनी है इसीलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। देवी दुर्गा का यह स्वरूप शौर्य और सौम्यता का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा की पूजा से भय, रोग और शत्रु का नाश होता है।
मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए कुछ सामग्री का बहुत महत्त्व है। इसलिए आप पहले से ही इन्हें खरीद कर रख लें, ताकि पूजा में किसी बाधा का सामना न करना पड़े।
मां चंद्रघंटा अपने भक्तों को सफलता, शक्ति और आत्मविश्वास देती है, जिससे वे कैसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए निडर बन जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा की विधिवत रूप से पूजा करने से तन हमेशा स्वस्थ रहता है और मन में खुशी बनी रहती है। मानसिक तनाव से पीड़ित लोगों को शांति के लिए देवी दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा करना बहुत फलदायक होता है। चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन पूरे मन से पूजा करें और मां चंद्रघंटा का अपार आशीर्वाद प्राप्त करें।
हिंदू धर्म में मां शबरी का नाम बहुत ही आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। वह भगवान राम की परम भक्त थीं और उनके जीवन की कहानी हमें कई महत्वपूर्ण सीख देती है।
महाकुंभ जो कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है इस बार बसंत पंचमी पर विशेष रूप से खास होने वाला है। इस दिन महाकुंभ में तीसरा अमृत स्नान होना तय हुआ है जो कि त्रिवेणी संगम में होगा।
महाकुंभ की गलियां न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं, बल्कि यहां आपको ऐसे लोग भी मिल जाते हैं जो जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाना चाहते हैं।
नया व्यवसाय शुरू करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है जिसमें कई चीजें शामिल होती हैं। रणनीति, कड़ी मेहनत, नवाचार, और सबसे महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त। जी हां, सही समय चुनना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आपके व्यवसाय की रणनीति और योजना।