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सत्यनारायण पूजन विधि (Satyanarayan Puja Vidhi)

सत्यनारायण पूजन विधि (Satyanarayan Puja Vidhi)

व्रत करने वाला पूर्णिमा व संक्रान्ति के दिन सायंकाल को स्नानादि से निवृत होकर पूजा-स्थान में आसन पर बैठ कर श्रद्धा पूर्वक गौरी, गणेश, वरूण, विष्णु आदि सब देवताओं का ध्यान करके पूजन करें और संकल्प करें कि मैं सत्यनारायण स्वामी का पूजन तथा कथा-श्रवण सदैव करूंगा । पुष्प हाथ में लेकर नारायण का ध्यान करें, यज्ञोपवती, पुष्प, धूप, नैवेद्य आदि से युक्त होकर स्तुति करें- हे भगवान! मैंने श्रद्धापूर्वक फल, जल आदि सब सामग्री आपको अर्पण की है, इसे स्वीकार कीजिए। मेरा आपको बारम्बार नमस्कार है। इसके बाद सत्यनारायण जी की कथा पढ़े अथवा श्रवण करें।

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महाकुंभ अक्षयवट पूजा

13 जनवरी 2025 से महाकुंभ की शुरुआत हो रही है। महाकुंभ न केवल भारत में प्रसिद्ध है बल्कि विदेशों में भी इसका आकर्षण देखने को मिलता है। इस बार महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है।

महाकुंभ स्नान के नियम क्या है

महाकुंभ में शाही स्नान के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। महाकुंभ में स्नान करने से मृत्यु पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। शाही स्नान में सबसे पहले साधु-संत स्नान करते हैं उसके बाद ही आम तीर्थयात्री गंगा में डुबकी लगाते हैं।

महाकुंभ 2025 के शुभ संयोग

प्रयागराज में बहुत जल्द महाकुंभ का आगाज होने वाला है। इसकी शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होगी वहीं इसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा।

महाकुंभ में प्रयागवाल क्या होता है

महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को प्रयागराज में पौष पूर्णिमा स्नान से होने वाली है और यह 26 जनवरी तक चलेगा। बता दें कि इस साल लगने वाला महाकुंभ होगा वो 144 साल बाद लग रहा है।

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