हर साल चैत्र नवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। मगर साल 2025 की चैत्र नवरात्रि बहुत ही खास है क्योंकि इस अवसर पर तीन महत्वपूर्ण शुभ संयोग बनने वाले हैं। अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और पहले दिन इंद्र योग और रेवती नक्षत्र का खास संयोग होने वाला है, जो कई वर्षों में एक बार होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब यह सभी योगों का एक साथ संयोग बनता है तो मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है।
इस चैत्र नवरात्रि में अमृत सिद्धि का संयोग बन रहा है, जिसमें अग्नि तत्वों से जुड़ी राशियों को विशेष लाभ होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लंबे समय से अटके आर्थिक कार्य पूर्ण होंगे और व्यापार में वृद्धि आएगी। साथ ही, नौकरी में प्रमोशन होगा और निवेश में शानदार लाभ मिलने की संभावनाएं हैं। मेष, सिंह और धनु राशि को बृहस्पति की दृष्टि से धन लाभ भी होगा।
चैत्र नवरात्रि के दिनों में इंद्र योग बनने वाला है, इससे पृथ्वी तत्व की राशियों को बहुत शुभ संदेश मिलेगा। वृषभ और कन्या राशि के लोगों को स्वास्थ्य में सुधार महसूस होगा और पारिवारिक जीवन में सुख शांति बनी रहेगी। इस समय आप माता के आशीर्वाद से कोई भी नया कार्य की शुरुआत कर सकते हैं, जिसमें आपको सफलता जरूर मिलेगी।
चैत्र नवरात्रि के दिनों में सर्वार्थ सिद्धि योग बनने वाला है जिसमें तुला और मकर राशि के लोगों को करियर में नए अवसर मिलेंगे। अगर बहुत समय से सरकारी नौकरी की कोशिश में लगे हैं तो इस समय आपको सकारात्मक परिणाम मिलेगा। साथ ही आपको अपने व्यापार में वृद्धि देखने को मिलेगी।
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में रेवती नक्षत्र बनने वाला है जिसका जल तत्व की राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इस नक्षत्र में मन में शांति और सकारात्मकता बनी रहती है। अगर आप निवेश और व्यापार से संबंधित कुछ फैसला करना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए बहुत ही लाभदायक होगा। चैत्र नवरात्र के पावन समय में देवी दुर्गा की साधना करने से आपको कर्ज से मुक्ति भी मिलेगी।
सर्वप्रथम पहले की तरह आचमन कर पवित्री धारण करे। अपने ऊपर और पूजा-सामग्री पर जल का प्रोक्षण करे।
पहले बतलाये नियमके अनुसार आसनपर प्राङ्घख बैठ जाय। जलसे प्रोक्षणकर शिखा बाँधे ।
एकादशी पूजन में विशेष तौर से भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है इस दिन पवित्र नदी या तालाब या कुआं में स्नान करके व्रत को धारण करना चाहिए
यह व्रत अति प्राचीन है। इसका प्रचलन महाभारत से भी पूर्व का है। यह व्रत सौभाग्यवती महिलाओं के लिए उत्तम माना गया है।