चैत्र नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिसमें से मां दुर्गा का चौथा रूप देवी कूष्मांडा का है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी कूष्मांडा की मुस्कान से पृथ्वी का निर्माण हुआ था, इसलिए उन्हें सृष्टि का पालक भी कहा जाता है।
पूजा शुद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए नीचे बताई गई चीजें निश्चित रूप से पूजा के पहले घर ले आएं। क्योंकि मां कूष्मांडा की पूजा में इन सभी समग्रियों का विशेष महत्व माना गया है।
मां कूष्माण्डा को सृष्टि की रचयिता मानी जाती है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, देवी कूष्मांडा की पूजा करने से रोग, भय, दुख-दर्द और विशेष रूप से दरिद्रता से मुक्ति मिलती है। साथ ही ऐश्वर्य, अच्छी सेहत और खुशियों की प्राप्ति होती है, और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसलिए चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन देवी कुष्मांडा की इस तरह पूजा करें, जिससे अपार कृपा, आशीर्वाद और सुख मिलता है।
सगाई का दिन, जिंदगी का वह खास पल जब दो दिल एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और एक नई यात्रा की शुरुआत होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस खास दिन को और भी यादगार बनाने के लिए सही मुहूर्त का चुनाव कितना महत्वपूर्ण है?
अप्रैल 2025 में विवाह के लिए 9 शुभ मुहूर्त हैं। इसलिए यदि आप अपने विवाह की योजना बना रहे हैं, तो अप्रैल का महीना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
सोना खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है। साथ ही इसके लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना भी आवश्यक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में सोना खरीदने से जीवन में समृद्धि और सौभाग्य आता है।
अप्रैल 2025 में मुंडन संस्कार के लिए 4 शुभ मुहूर्त हैं। इसलिए यदि आप अपने बच्चे का मुंडन संस्कार करवाने की योजना बना रहे हैं, तो अप्रैल का महीना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।