Logo

काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले - भजन (Kali Kali Alko Ke Fande Kyun Dale)

काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले - भजन (Kali Kali Alko Ke Fande Kyun Dale)

काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


दोहा – मेरा एक नज़र तुझे देखना,

किसी बंदगी से कम नहीं,

करो मेरा शुक्रिया मेहरबां,

तुझे दिल में हमने बसा लिया,

आप इस तरह से होश,

उड़ाया ना कीजिये,

यूँ बन संवर के सामने,

आया ना कीजिये ॥


काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


सितमगर हो तुम खूब पहचानते है,

तुम्हारी अदाओ को हम जानते है,

फरेबे मोहब्बत में उलझाने वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


ये रंगीले नैना तुम्ही को मुबारक,

ये मीठे मीठे बैना तुम्ही को मुबारक,

हमारी तरफ से निगाहे हटाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


संभालो जरा ये पीताम्बर गुलाबी,

ये करता है दिल में हमारे खराबी,

जो तेरा हुआ उसको क्या कोई संभाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


जहाँ तुमने चेहरे से पर्दा हटाया,

वही अहले दिल को तमाशा बनाया,

बनाले बावरी को अब अपना बनाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


काली काली अलको के फंदे क्यू डाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥

........................................................................................................
छिन्नमस्तिका देवी मंदिर का रहस्य

झारखंड राज्य के रामगढ़ जिले में स्थित रजरप्पा का छिन्नमस्तिका देवी मंदिर एक अद्भुत शक्तिपीठ है, जहां बिना सिर वाली देवी की पूजा की जाती है। यह मंदिर तांत्रिक विद्या के लिए भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह स्थान विशेष और रहस्यमय महत्व रखता है।

कूर्म जयंती की तिथि-मुहूर्त

कूर्म जयंती, भगवान विष्णु के दूसरे अवतार कूर्म ‘कछुए’ के रूप में प्रकट होने की तिथि है। इस साल कूर्म जयंती 12 मई, सोमवार को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

वैशाख पूर्णिमा व्रत कथा

वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से समृद्धि, संतान सुख और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

बुद्ध पूर्णिमा 2025

बुद्ध पूर्णिमा, जिसे बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म का प्रमुख पर्व है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की तिथि के रूप में मनाया जाता है। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 12 मई, सोमवार को है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang