चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है। यह नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना और साधना का विशेष समय होता है। इस दौरान कई लोग उपवास रखते हैं, लेकिन कुछ लोग किसी कारणवश व्रत नहीं रख पाते। अगर आप भी व्रत नहीं कर पा रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ उपायों को अपनाकर आप उतना ही पुण्य और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
अगर आप उपवास नहीं रख पा रहे हैं, तो घर में कलश स्थापित करें और मां दुर्गा की पूजा करें। अखंड ज्योति जलाएं और नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा को पुष्प, रोली, दीप, दूध और प्रसाद अर्पित करें। हर दिन दुर्गा सप्तशती या देवी स्तुति का पाठ करें और माता की आरती करें। रात में जागरण करें और भक्ति भाव से मां दुर्गा का ध्यान करें।
मां दुर्गा के मंत्रों में अपार शक्ति होती है। यदि आप व्रत नहीं रख पा रहे हैं, तो नियमित रूप से मां के मंत्रों का जाप करें। इससे न केवल मानसिक शांति मिलेगी बल्कि व्रत के समान पुण्य भी प्राप्त होगा। कुछ प्रमुख मंत्र हैं:
"ॐ दुं दुर्गायै नमः"
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे"
यदि आप व्रत नहीं रख सकते, तो नवरात्रि में कन्या भोजन कराएं। कन्या पूजन से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। भोजन के साथ कन्या को उपहार स्वरूप वस्त्र, बिंदी या अन्य शुभ सामग्री दें। साथ ही, श्रीयंत्र की पूजा करने से भी लाभ होता है।
नवरात्रि के दौरान अखंड दीप जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। नौ दिनों तक देवी के समक्ष दीप जलाकर नारियल और चुनरी अर्पित करें। इससे मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होगी और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।
नवरात्रि का व्रत रखने से मानसिक और शारीरिक शुद्धि प्राप्त होती है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में व्रत न रखने की सलाह दी जाती है।
महाकुंभ भारत का एक विशाल धार्मिक समागम है जो हर 12 साल में आयोजित किया जाता है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा मेला है और दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक है। वहीं 12 साल के बाद प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से शुरू हुआ महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक चलने वाला है। इस पवित्र पर्व पर देश भर से साधु-संतों का जमावड़ा लगा हुआ है। खासतौर पर नागा साधुओं की मौजूदगी इस मेले की शोभा बढ़ा रही है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले, महाकुंभ ने एक बार फिर से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इस मेले में देश-विदेश से आए साधु-संतों की भारी भीड़ ने इस पवित्र नगरी को और भी पवित्र बना दिया है।
कुंभ भारतीय वैदिक-पौराणिक मान्यता का महापर्व है। महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को प्रयागराज में पौष पूर्णिमा स्नान से होने वाली है और यह 26 फरवरी तक चलेगा। महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है।