Ganesh Chaturthi Puja Vidhi: गणेश चतुर्थी के दौरान 10 दिन पर घर पर ऐसे करें गणपति की पूजा
भारत में गणेशोत्सव का पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक (कुल दस दिन) अत्यंत श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है। इन दस दिनों तक गणपति बाप्पा का स्वागत, स्थापना, पूजन, भोग, आरती और अंत में विसर्जन का विधान है। यदि आप घर पर गणेशोत्सव मनाना चाहते हैं तो नीचे दी गई सरल एवं संपूर्ण विधि का पालन करें।
1. पूजन सामग्री की तैयारी
- पूजन से पहले आवश्यक सामग्री एकत्रित कर लें:
- गणेश जी की प्रतिमा (मिट्टी की प्रतिमा सर्वोत्तम मानी जाती है)
- कलश, नारियल, मौली, सुपारी
- हल्दी, कुमकुम, अक्षत, सिंदूर, अष्टगंध
- पुष्प, माला, दूर्वा (21 पत्तियों का गुच्छा)
- फल, मोदक, गुड़, पंचामृत, ऋतुफल
- धूप, दीप, घी-बाती, इत्र
- पान, लौंग, इलायची, ताम्बूल
- वस्त्र, जनेऊ, सिक्के, दक्षिणा
- गंगाजल/नर्मदा जल
2. प्रतिमा की स्थापना (प्रथम दिन)
- शुभ मुहूर्त में प्रतिमा को लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले वस्त्र बिछाकर स्थापित करें।
- चौकी पर आम/केले के पत्ते सजाएँ।
- गणपति जी को दूर्वा का आसन देकर विराजमान करें।
- दीपक जलाएं और हाथ में जल लेकर संकल्प करें कि दस दिनों तक नियमपूर्वक गणेश पूजा करेंगे।
3. दैनिक पूजा की विधि (10 दिनों तक)
हर दिन निम्न चरणों का पालन करें:
पवित्रीकरण
- सबसे पहले जल से शुद्धिकरण करें।
- “ॐ अपवित्रः पवित्रो वा…” मंत्र का उच्चारण करते हुए जल का छिड़काव करें।
गणेश जी का ध्यान
- पुष्प हाथ में लेकर गणेश जी का ध्यान करें।
- “गजाननं भूतगणादि सेवितं…” मंत्र बोलकर पुष्प अर्पित करें।
स्नान एवं श्रृंगार
- शुद्ध जल, पंचामृत से स्नान कराएँ (यदि घर पर संभव न हो तो केवल गंगाजल से स्नान कराएं)।
- वस्त्र, जनेऊ पहनाएँ, चंदन, सिंदूर व अष्टगंध लगाएँ।
पूजा और अर्पण
- गणेश जी को दूर्वा, पुष्प, इत्र अर्पित करें।
- धूप और दीप दिखाएं।
- मोदक, गुड़, ऋतुफल और नैवेद्य अर्पित करें।
- ताम्बूल (पान-लौंग-इलायची) अर्पित करें।
- दक्षिणा व नारियल अर्पण करें।
आरती
“जय गणेश देवा” या किसी भी गणेश आरती का सामूहिक गायन करें।
- घर के सभी सदस्य आरती में सम्मिलित हों।
क्षमा प्रार्थना
- अंत में त्रुटि क्षमा हेतु प्रार्थना करें और हाथ जोड़े प्रणाम करें।
4. गणेशोत्सव के दस दिन कैसे बिताएं?
- प्रतिदिन सुबह-शाम आरती करें।
- मोदक, लड्डू, गुड़, नारियल जैसे भोग अर्पित करें।
- परिवार के सभी सदस्य मिलकर भजन, कीर्तन करें।
- प्रतिदिन बच्चों को गणेश कथाएं सुनाएं।
- घर में वातावरण पवित्र रखें और संभव हो तो व्रत पालन करें।
5. गणपति विसर्जन (अनंत चतुर्दशी या इच्छानुसार)
- दसवें दिन (या आपके संकल्प अनुसार 1.5 दिन, 3 दिन, 5 दिन बाद) गणेश जी को विदाई दें।
- विसर्जन से पहले पूजन कर श्रीफल, फूल व प्रसाद अर्पित करें।
- “गणपति बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” कहते हुए प्रतिमा का विसर्जन करें।
- घर में बचा हुआ जल तुलसी या किसी पेड़ में अर्पित करें।