Logo

मासिक कार्तिगाई 2026 की तिथियां

मासिक कार्तिगाई 2026 की तिथियां

Masik Karthigai 2026 Dates: साल 2026 में पड़ने वाले मासिक कार्तिगाई व्रत की लिस्ट, जानिए इस व्रत का महत्व और पूजा विधि

मासिक कार्तिगाई तमिल हिंदू परंपरा का एक अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक पर्व है, जो भगवान मुरुगन यानी कार्तिकेय को समर्पित होता है। यह व्रत प्रत्येक चंद्र मास में उस दिन रखा जाता है, जब चंद्रमा कृत्तिका नक्षत्र में प्रवेश करता है। मान्यता है कि कृत्तिका नक्षत्र भगवान मुरुगन का जन्म नक्षत्र है, इसलिए इस दिन उनकी पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। दीप प्रज्वलन, उपवास और मंत्र जाप के माध्यम से यह पर्व जीवन में साहस, बुद्धि, स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करता है। 2026 में मासिक कार्तिगाई किन-किन तिथियों को पड़ेगी, इसकी पूरी सूची और महत्व नीचे विस्तार से दिया गया है।

मासिक कार्तिगाई क्या है

मासिक कार्तिगाई एक मासिक धार्मिक पर्व है, जिसे मुख्य रूप से तमिल समुदाय द्वारा श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इसे कार्तिगाई दीपम का लघु रूप भी माना जाता है। यह पर्व कृत्तिका नक्षत्र से जुड़ा हुआ है, जिसे भगवान मुरुगन का नक्षत्र माना जाता है। इस दिन दीप जलाकर प्रकाश की आराधना की जाती है, जो अज्ञान के अंधकार को दूर करने का प्रतीक है। मासिक कार्तिगाई पर की गई साधना मानसिक शांति और आत्मबल को मजबूत करती है।

मासिक कार्तिगाई कब मनाई जाती है

मासिक कार्तिगाई हर महीने उस दिन मनाई जाती है, जब चंद्रमा कृत्तिका नक्षत्र में स्थित होता है। यह तिथि हर महीने बदलती रहती है, इसलिए पंचांग के अनुसार इसकी गणना की जाती है। तमिल कैलेंडर के कार्तिगई महीने में आने वाली कार्तिगाई सबसे विशेष मानी जाती है, जिसे कार्तिगई दीपम के रूप में भव्य रूप से मनाया जाता है।

2026 में पड़ने वाली मासिक कार्तिगाई की पूरी सूची

  • जनवरी 2026 – 27 जनवरी, मंगलवार
  • फरवरी 2026 – 23 फरवरी, सोमवार
  • मार्च 2026 – 23 मार्च, सोमवार
  • अप्रैल 2026 – 19 अप्रैल, रविवार
  • मई 2026 – 16 मई, शनिवार
  • जून 2026 – 13 जून, शनिवार
  • जुलाई 2026 – 10 जुलाई, शुक्रवार
  • अगस्त 2026 – 7 अगस्त, शुक्रवार
  • सितम्बर 2026 – 3 सितम्बर, गुरुवार
  • सितम्बर 2026 (दूसरी बार) – 30 सितम्बर, बुधवार
  • अक्टूबर 2026 – 27 अक्टूबर, मंगलवार
  • नवम्बर 2026 – 24 नवम्बर, मंगलवार
  • दिसम्बर 2026 – 21 दिसम्बर, सोमवार

मासिक कार्तिगाई का धार्मिक महत्व

मासिक कार्तिगाई का संबंध भगवान मुरुगन के जन्म और उनकी वीरता से जुड़ा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव के तेज से उत्पन्न बालक की देखरेख छह कृत्तिका देवियों ने की थी, इसलिए उन्हें कार्तिकेय कहा गया। यह पर्व प्रकाश, शक्ति और विजय का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से जीवन के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

भगवान मुरुगन की पूजा विधि

मासिक कार्तिगाई के दिन प्रातकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को शुद्ध कर भगवान मुरुगन की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। जल लेकर व्रत और पूजा का संकल्प करें। पंचामृत, चंदन, कुमकुम, लाल पुष्प और मोर पंख अर्पित करें। गुड़ से बने पोंगल या खीर का भोग लगाएं। ‘ॐ शरवणभवाय नमः’ मंत्र का जाप करें। संध्या समय दीप प्रज्वलन और आरती के बाद प्रसाद ग्रहण करें।

कार्तिगाई दीपम परंपरा

कार्तिगाई दीपम प्रकाश का उत्सव है। इस दिन घरों और मंदिरों में दीपक जलाए जाते हैं, जो ज्ञान के प्रकाश और अज्ञान के अंधकार के नाश का प्रतीक है। तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में अरुणाचलेश्वर पर्वत पर जलाया जाने वाला महादीपम विश्व प्रसिद्ध है। यह भगवान शिव के तेजोमय स्वरूप का प्रतीक माना जाता है।

मासिक कार्तिगाई व्रत के लाभ

इस व्रत से साहस और आत्मबल की वृद्धि होती है। शत्रुओं पर विजय मिलती है और मानसिक भय दूर होता है। संतान सुख की कामना करने वाले दंपत्तियों के लिए यह व्रत विशेष फलदायी माना जाता है। स्वास्थ्य में सुधार, रोगों से मुक्ति और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही ज्ञान, विवेक और निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है।

इन्हें भी पढ़े

........................................................................................................

संबंधित लेख

HomeBook PoojaBook PoojaChadhavaChadhavaKundliKundliPanchangPanchang