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मासिक दुर्गाष्टमी 2026 की तिथियां

मासिक दुर्गाष्टमी 2026 की तिथियां

Masik Durgashtami 2026: साल 2026 में मासिक दुर्गाष्टमी कब-कब पड़ेगी, यहां देखें पूरी लिस्ट और जानिए व्रत का महत्व

हिंदू धर्म में दुर्गाष्टमी का विशेष स्थान है। प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में माता दुर्गा की उपासना की जाती है। यह व्रत शक्ति, सुरक्षा और साधना से जुड़ा माना गया है। आश्विन माह की महाष्टमी सबसे प्रसिद्ध है, लेकिन मासिक दुर्गाष्टमी भी उतनी ही फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि नियमित रूप से इस व्रत को करने से देवी दुर्गा की निरंतर कृपा बनी रहती है। वर्ष 2026 में पंचांग के अनुसार मासिक दुर्गाष्टमी की तिथियां अलग अलग दिन पड़ रही हैं, जिनका पालन श्रद्धा और विधि के साथ करने से जीवन में सुख, समृद्धि और स्थिरता आती है।

मासिक दुर्गाष्टमी 2026 की पूरी सूची

  • जनवरी 26 सोमवार माघ शुक्ल अष्टमी
  • फरवरी 24 मंगलवार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी
  • मार्च 26 गुरूवार चैत्र शुक्ल अष्टमी
  • अप्रैल 24 शुक्रवार वैशाख शुक्ल अष्टमी
  • मई 23 शनिवार अधिक मासिक दुर्गाष्टमी ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी
  • जून 22 सोमवार ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी
  • जुलाई 21 मंगलवार आषाढ़ शुक्ल अष्टमी
  • अगस्त 20 गुरूवार श्रावण शुक्ल अष्टमी
  • सितम्बर 19 शनिवार भाद्रपद शुक्ल अष्टमी
  • अक्टूबर 19 सोमवार आश्विन शुक्ल अष्टमी दुर्गा अष्टमी
  • नवम्बर 17 मंगलवार कार्तिक शुक्ल अष्टमी
  • दिसम्बर 17 बृहस्पतिवार मार्गशीर्ष शुक्ल अष्टमी

इन तिथियों पर अष्टमी तिथि के अनुसार व्रत और पूजन करना श्रेष्ठ माना गया है।

मासिक दुर्गाष्टमी का धार्मिक महत्व

मासिक दुर्गाष्टमी शक्ति साधना का पर्व है। शास्त्रों के अनुसार माता दुर्गा अपने भक्तों को भय, रोग और संकटों से रक्षा प्रदान करती हैं। इस दिन व्रत और पूजा करने से पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। जो साधक नियमित रूप से मासिक दुर्गाष्टमी का पालन करते हैं, उन्हें करियर, धन और स्वास्थ्य से जुड़ी बाधाओं में राहत मिलती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी माना जाता है जो जीवन में अस्थिरता या मानसिक तनाव से गुजर रहे हों।

मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा विधि

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, विशेष रूप से लाल रंग के वस्त्र शुभ माने जाते हैं। पूजा स्थल को शुद्ध कर चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और माता दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। देवी को लाल चुनरी, फूल, अक्षत, सोलह श्रृंगार और नैवेद्य अर्पित करें। घी का दीपक जलाकर विधिवत आरती करें। दिनभर व्रत रखें और संध्या समय माता का स्मरण करते हुए प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण करें।

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत से मिलने वाले लाभ

मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत साधक को आत्मबल और आत्मविश्वास प्रदान करता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। देवी दुर्गा की उपासना से शत्रु बाधा शांत होती है और कार्यों में सफलता मिलती है। नियमित रूप से इस व्रत को करने से साधक के जीवन में स्थायित्व, सुरक्षा और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।

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