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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के नियम

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के नियम

Gupt Navratri Niyam 2025: गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों में भूलकर न करें ये काम, जानिए मां को मनाने के यम-नियम

गुप्त नवरात्रि, साल में दो बार माघ और आषाढ़ मास में आती है। यह नवरात्रि तांत्रिक साधना, मंत्र सिद्धि और विशेष रूप से शक्ति की उपासना के लिए मानी जाती है। इस समय देवी दुर्गा के दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है और साधक अत्यंत संयम, नियम और गुप्त विधियों से देवी आराधना करते हैं। इस वर्ष आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 26 जून से 4 जुलाई तक मनाई जाएगी।

तामसिक भोजन से परहेज

गुप्त नवरात्रि के दौरान किसी भी प्रकार के तामसिक पदार्थों का सेवन वर्जित होता है। जैसा की मांस, मछली, अंडा, प्याज, लहसुन, शराब या किसी भी प्रकार का नशा मन को अशांत करता है और साधना में बाधा उत्पन्न करता है।

 

बाल, नाखून और दाढ़ी न कटवाएं 

इस दौरान बाल कटवाना, नाखून काटना या दाढ़ी बनवाना वर्जित माना जाता है। यह नियम शरीर की ऊर्जा को संरक्षित रखने और साधना में एकाग्रता बनाए रखने के लिए है।

घर में गंदगी और अंधेरा न रखें

साफ-सफाई और उजाला देवी की कृपा के लिए जरूरी माने जाते हैं। इसलिए घर को साफ और सुव्यवस्थित रखें। साथ ही, दीपक जलाकर सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें। 

ब्रह्मचर्य का करें पालन

गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों तक ब्रह्मचर्य का पालन अत्यंत आवश्यक है। यह नियम साधक की मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति को मजबूत करता है।

काले कपड़ों का प्रयोग न करें

काले रंग को तामसिक प्रवृत्ति का प्रतीक माना गया है। इसलिए नवरात्रि में सफेद, पीले, लाल या भगवा रंगों के वस्त्र पहनने की परंपरा है।

दिन में न सोएं

व्रतधारी को दिन में सोने से बचना चाहिए। यह नियम साधना की ऊर्जा को सही दिशा में प्रवाहित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

चमड़े की वस्तुएं न पहनें या प्रयोग में न लाएं

चमड़ा मृत प्राणी से संबंधित होता है और साधना में उसकी उपस्थिति वर्जित मानी जाती है। इसलिए जूते, बेल्ट या अन्य चमड़े की वस्तुएं न प्रयोग करें।

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