Logo

पहली बार रख रहे हरतालिका तीज तो जानिए विधि

पहली बार रख रहे हरतालिका तीज तो जानिए विधि

Hartalika Teej Vrat Vidhi: हरतालिका तीज पहली बार करने वाले रखें इन खास बातों का ध्यान, जानें संपूर्ण विधि 

हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। यह व्रत अखंड सौभाग्य, पति की लंबी उम्र और इच्छित वर की प्राप्ति के लिए किया जाता है। विशेष रूप से सुहागिन महिलाएं और अविवाहित कन्याएं यह व्रत श्रद्धा और भक्ति के साथ रखती हैं। जो महिलाएं पहली बार यह व्रत कर रही हैं, उनके लिए कुछ विशेष नियम और विधियां जानना आवश्यक है।

पहली बार हरतालिका तीज व्रत करने वाली महिलाओं के लिए नियम

  • निर्जला व्रत: यह व्रत बिना पानी पिए रखा जाता है।
  • रात्रि जागरण: रात भर जागकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
  • सात्विक भोजन: व्रत खोलने के बाद केवल सात्विक भोजन ग्रहण करें।
  • सोलह श्रृंगार: पूजा करते समय सोलह श्रृंगार अवश्य करें।
  • काला रंग वर्जित: काले रंग के कपड़े या श्रृंगार का उपयोग न करें।
  • मासिक धर्म: यदि मासिक धर्म हो तो व्रत न करें, परंतु कथा सुन सकती हैं।
  • कथा श्रवण: हरतालिका तीज की कथा अवश्य सुनें।
  • शुभ मुहूर्त: पूजा शुभ मुहूर्त में ही करें।
  • दान: यथासंभव दान अवश्य करें।

हरतालिका तीज व्रत की संपूर्ण विधि

  • स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ, सात्विक कपड़े पहनें।
  • पूजा स्थल: पूजा स्थल को स्वच्छ करके चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • गंगाजल से स्नान: प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
  • श्रृंगार: माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
  • धूप-दीप और आरती: धूप-दीप जलाएं और भगवान शिव-पार्वती की आरती करें।
  • कथा श्रवण: हरतालिका तीज की कथा श्रद्धा से सुनें।
  • जागरण: पूरी रात जागरण करें और हर पहर में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
  • व्रत खोलना: अगले दिन चतुर्थी तिथि को विधिपूर्वक व्रत खोलें।

इन महत्वपूर्ण बातों को भी कर लें नोट 

  • मेहंदी लगाना: हरतालिका तीज पर मेहंदी लगाना शुभ और मंगलकारी माना जाता है।
  • सुहाग पिटारी अर्पण: सुहाग पिटारी में चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, कंघी, मेहंदी आदि रखकर माता पार्वती को अर्पित करें।
  • पति-पत्नी का प्रेम: व्रत के दौरान पति-पत्नी के बीच किसी भी प्रकार का विवाद या कलह नहीं होना चाहिए।

........................................................................................................

संबंधित लेख

HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang