हिंदू धर्म में सावन मास का अत्यधिक महत्व है, विशेषकर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए। इसी क्रम में सावन के मंगलवार को रखा जाने वाला मंगला गौरी व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए अत्यंत पुण्यदायी और शुभफलदायी माना जाता है। 2025 में पहला मंगला गौरी व्रत आज, 15 जुलाई को रखा जा रहा है। इस दिन स्त्रियां विशेष रूप से देवी गौरी की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र, वैवाहिक सुख और समृद्धि की कामना करती हैं।
इन मुहूर्तों में से विशेषकर गोधूलि मुहूर्त को माता गौरी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस समय में की गई पूजा शीघ्र फलदायी होती है।
इन मंत्रों का जाप कम से कम 11, 21 या 108 बार करने की परंपरा है। इससे व्रती को मानसिक शांति, ध्यान की एकाग्रता और देवी की कृपा प्राप्त होती है।
माघ और आषाढ़ नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। 2025 की पहली गुप्त नवरात्रि माघ महीने में 30 जनवरी से श्रवण नक्षत्र और जयद योग में प्रारंभ होगी।
हिंदू धर्म में बृहस्पतिवार का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन बृहस्पति देव, जो कि ज्ञान, शिक्षा, और बौद्धिकता के देवता हैं, को समर्पित होता है।
सनातन हिंदू धर्म के वैदिक पंचांग के अनुसार, वर्तमान में माघ का पवित्र महीना चल रहा है। इस दौरान पड़ने वाली नवरात्रि को माघ गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी से जुड़ा होता है। इसे लक्ष्मी व्रत या शुक्रवार व्रत के रूप में मनाया जाता है।