19 October 2025 Ka Panchang: शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
19 October 2025 Ka Panchang: आज 19 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास का 13वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जो कि 01:51 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज रविवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:43 ए एम से 12:29 पी एम बजे तक है। इस दिन राहुकाल 04:22 पी एम से 05:47 पी एम रहेगा। आज के दिन कई विशेष त्योहार है, जिसमें काली चौदस, हनुमान पूजा और मासिक शिवरात्रि शामिल है। साथ ही वार के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
19 अक्टूबर 2025 का पंचांग (19 October 2025 Ka Panchang)
- तिथि - 01:51 पी एम तक कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि। इसके बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी (05:49 पी एम तक) हस्त
- दिन/वार - रविवार
- योग - इन्द्र (02:05 ए एम, अक्टूबर 20 तक) वैधृति
- करण - वणिज (01:51 पी एम तक) विष्टी (02:45 ए एम, अक्टूबर 20 तक) शकुनि
कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि प्रारंभ - 12:18 पी एम तक, अक्टूबर 18
कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त - 01:51 पी एम तक, अक्टूबर 19
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama Ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:24 ए एम
- सूर्यास्त - 05:47 पी एम
- चन्द्रोदय - 05:13 ए एम, अक्टूबर 20
- चन्द्रास्त - 04:33 पी एम
19 अक्टूबर 2025 का शुभ मुहूर्त और योग (19 October 2025 Ka Shubh Muhurat aur Yog)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:43 ए एम से 05:34 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:43 ए एम से 12:29 पी एम
- विजय मुहूर्त - 02:00 पी एम से 02:45 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 05:47 पी एम से 06:13 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 05:47 पी एम से 07:03 पी एम
- अमृत काल - 09:59 ए एम से 11:44 ए एम
- सर्वार्थ सिद्धि योग - पूरे दिन
- अमृत सिद्धि योग - 05:49 पी एम से 06:25 ए एम, अक्टूबर 20
19 अक्टूबर 2025 का अशुभ मुहूर्त (19 October 2025 ka Ashubh Muhurat)
- राहु काल - 04:22 पी एम से 05:47 पी एम
- गुलिक काल - 02:57 पी एम से 04:22 पी एम
- यमगंड - 12:06 पी एम से 01:31 पी एम
- वर्ज्य - 03:05 ए एम, अक्टूबर 20 से 04:51 ए एम, अक्टूबर 20
- विडाल योग - 06:24 ए एम से 05:49 पी एम
- आडल योग - 05:49 पी एम से 06:25 ए एम, अक्टूबर 20
- भद्रा - 01:51 पी एम से 02:45 ए एम, अक्टूबर 20
- दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
19 अक्टूबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (19 October 2025 Parv / Tyohar / Vrat)
- रविवार का व्रत - आज आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित है।
- काली चौदस - काली चौदस, जिसे भूत चतुर्दशी भी कहा जाता है, मुख्य रूप से गुजरात में दीवाली उत्सव के दौरान मनाई जाती है। यह चतुर्दशी तिथि पर तब निर्धारित होती है जब मध्य रात्रि में चतुर्दशी तिथि प्रचलित होती है, जिसे महा निशिता काल कहा जाता है। इस दिन मध्यरात्रि में श्मशान जाकर अंधकार की देवी और वीर वेताल की पूजा की जाती है। काली चौदस को रूप चौदस और नरक चतुर्दशी से अलग समझना चाहिए। इसे बंगाल काली पूजा से भी भ्रमित नहीं करना चाहिए, जो एक दिन बाद अमावस्या तिथि पर मनाई जाती है। इसलिए काली चौदस की तिथि का अवलोकन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
- हनुमान पूजा - हनुमान पूजा दीवाली से एक दिन पहले की जाती है, जो काली चौदस के दिन आती है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से बुरी आत्माओं से सुरक्षा और शक्ति की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान राम ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि उनसे पहले हनुमान जी का पूजन किया जाएगा। इसलिए लोग दीवाली से पहले हनुमान जी की पूजा करते हैं। अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में इस दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है, जबकि उत्तर भारत में अधिकांश भक्त चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जन्मोत्सव मनाते हैं।
- मासिक शिवरात्रि - महाशिवरात्रि भगवान शिव और शक्ति के मिलन का विशेष पर्व है, जो हर साल फाल्गुन या माघ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे और भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने उनकी पूजा की थी। महाशिवरात्रि भगवान शिव के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है और श्रद्धालु इस दिन शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं। मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से कठिन कार्य भी पूरे हो सकते हैं। इस व्रत को विवाहित जीवन में सुख-शांति और विवाह की कामना के लिए भी किया जाता है। मंगलवार के दिन पड़ने वाली शिवरात्रि विशेष शुभ मानी जाती है। शिवरात्रि की पूजा मध्य रात्रि में निशिता काल के दौरान की जाती है, जो भगवान शिव के भोले-भाले स्वभाव को दर्शाती है।
19 अक्टूबर 2025 के उपाय (18 October 2025 Ke Upay)
- रविवार के उपाय - रविवार के दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। आप सूर्य देव को अर्घ्य देते हुए 'ॐ सूर्याय नमः ॐ वासुदेवाय नमः ॐ आदित्य नमः' मंत्र का उच्चारण करें। लाल चंदन का तिलक लगाकर और लाल रंग का वस्त्र पहनकर घर से बाहर निकलने से कार्यों में सफलता मिलती है। घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ देसी घी का दिया जलाने से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और घर में धन संपत्ति बढ़ती है। सूर्य देवता को गुड़, दूध, चावल और कपड़े का दान करने से सभी काम सफल होते हैं। इसके अलावा, बरगद के पेड़ का पत्ता लेकर अपनी मनोकामना लिखकर बहते जल में बहाने से मनोकामना पूरी होती है। साथ ही पीपल के पेड़ के नीचे आटे का चौमुखी दीपक जलाने से जीवन में सुख-समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है।
- काली चौदस के दिन करें ये उपाय - काली चौदस पर एक पीले कपड़े में हल्दी, 11 गोमती चक्र, चांदी का सिक्का और 11 कौड़ियां बांधकर 'श्रीं लक्ष्मी नारायणाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें और इसे तिजोरी में रखें। इससे व्यवसाय में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। काली माता के चरणों में लौंग का जोड़ा अर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। मां काली को चने की दाल और गुड़ का भोग लगाना भी शुभ होता है। काली माता के बीज मंत्र 'ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा' का 108 बार जाप करने से शत्रुओं का नाश होता है और मां काली की कृपा प्राप्त होती है।
- मासिक शिवरात्रि के दिन करें ये उपाय - मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव का अभिषेक करें और उन्हें बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि अर्पित करें। साथ ही शिव जी के पंचाक्षर मंत्र का जाप 11 बार रुद्राक्ष की माला से करें, जिससे शिव जी की कृपा बनी रहती है। धन संबंधी परेशानियों के लिए शिवलिंग पर गन्ने का रस अर्पित करें, जिससे धन लाभ के योग बनते हैं। ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति के लिए शिवलिंग का शहद से अभिषेक करें, जिससे कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
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