21 October 2025 Ka Panchang: शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
21 October 2025 Ka Panchang: आज 21 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास का 15वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है, जो कि 05:54 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज मंगलवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 09:36 ए एम तक कन्या राशि में रहेंगे। इसके बाद तुला राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज मंगलवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:43 ए एम से 12:28 पी एम बजे तक है। इस दिन राहुकाल 02:55 पी एम से 04:20 पी एम तक रहेगा। आज कार्तिक अमावस्या है, जिसे दर्श अमावस्या भी कहा जाता है। साथ ही वार के हिसाब से आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
21 अक्टूबर 2025 का पंचांग (21 October 2025 Ka Panchang)
- तिथि - 05:54 पी एम तक कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि। इसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - चित्रा (10:59 पी एम तक) स्वाती
- दिन/वार - मंगलवार
- योग - विष्कम्भ (03:17 ए एम, अक्टूबर 22 तक) प्रीति
- करण - नाग (05:54 पी एम तक) किंस्तुघ्न (पूर्ण रात्रि तक)
कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि प्रारंभ - 03:44 पी एम तक, अक्टूबर 20
कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावास्या तिथि समाप्त - 05:54 पी एम तक, अक्टूबर 21
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा 09:36 ए एम तक कन्या राशि में रहेंगे। इसके बाद तुला राशि में गोचर करेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama Ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:26 ए एम
- सूर्यास्त - 05:45 पी एम
- चन्द्रोदय - चन्द्रोदय नहीं
- चन्द्रास्त - 05:29 पी एम
21 अक्टूबर 2025 का शुभ मुहूर्त और योग (21 October 2025 Ka Shubh Muhurat aur Yog)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:44 ए एम से 05:35 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:43 ए एम से 12:28 पी एम
- विजय मुहूर्त - 01:59 पी एम से 02:44 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 05:45 पी एम से 06:11 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 05:45 पी एम से 07:01 पी एम
- अमृत काल - 03:51 पी एम से 05:38 पी एम
21 अक्टूबर 2025 का अशुभ मुहूर्त (21 October 2025 ka Ashubh Muhurat)
- राहु काल - 02:55 पी एम से 04:20 पी एम
- गुलिक काल - 12:05 पी एम से 01:30 पी एम
- यमगंड - 09:16 ए एम से 10:40 ए एम
- वर्ज्य - 05:15 ए एम, अक्टूबर 22 से 07:02 ए एम, अक्टूबर 22
- आडल योग - 10:59 पी एम से 06:26 ए एम, अक्टूबर 22
- दिशाशूल - उत्तर, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
21 अक्टूबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (21 October 2025 Parv / Tyohar / Vrat)
- मंगलवार का व्रत - आज आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित है।
- दर्श अमावस्या - हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या पितरों को समर्पित एक महत्वपूर्ण तिथि है, जिसमें रात के समय विशेष उपाय किए जाते हैं। ये उपाय जीवन में सुख-समृद्धि लाने और बिगड़े कामों को बनाने में प्रभावी माने जाते हैं। दर्श अमावस्या की रात में किए जाने वाले उपाय पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने, नकारात्मकता को दूर करने और चंद्र दोष को शांत करने से संबंधित होते हैं, जो रुके हुए कार्यों को गति देते हैं और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं।
- कार्तिक अमावस्या - कार्तिक अमावस्या पर लक्ष्मीजी पृथ्वी पर आती हैं, जैसा कि ब्रह्म पुराण में बताया गया है। पद्म पुराण के अनुसार, इस दिन दीपदान करने से अक्षय पुण्य मिलता है। स्कंदपुराण के मुताबिक, कार्तिक अमावस्या पर गीता पाठ, अन्न दान और भगवान विष्णु को तुलसी चढ़ाना चाहिए। इससे सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं और सुख बढ़ता है। अन्नदान करने से चिरंजीवी होने का फल मिलता है और यह हजारों गाय दान करने जितना पुण्य देता है।
21 अक्टूबर 2025 आज के उपाय (21 October 2025 Ke Upay)
- मंगलवार के उपाय - मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल और लाल फूल चढ़ाएं। इसके अलावा, मंगल ग्रह के मंत्र "ॐ अं अंगारकाय नमः" का जाप करने से भी शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। गुड़, तांबे के बर्तन, लाल वस्त्र आदि दान करने और मूंगे की अंगूठी पहनने से भी मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। भोजन में मसूर की दाल शामिल करने से भी लाभ मिलता है। इन उपायों को करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है और शुभ परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
- कार्तिक अमावस्या पर करें ये उपाय - कार्तिक महीने की अमावस्या पर तीर्थ स्नान और दान करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है। घर पर ही गंगाजल मिलाकर नहाने से तीर्थ स्नान का फल मिल सकता है। इस दिन श्रद्धा अनुसार दान करने से रोग, शोक और दोष से मुक्ति मिलती है। खासतौर पर ऊनी कपड़ों का दान करना चाहिए। साथ ही दीपदान, अन्न और वस्त्र दान भी करना फलदायी होता है। इस दिन किया गया दान अक्षय फल देने वाला होता है, जैसा कि भविष्य, पद्म और मत्स्य पुराण में बताया गया है।
- दर्श अमावस्या पर करें ये उपाय - अमावस्या की रात पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना पितरों को शांति प्रदान करता है और उनकी कृपा से बिगड़े काम बनने लगते हैं। इसके लिए स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और सरसों के तेल का दीपक तैयार करें, जिसमें काला तिल भी डाल सकते हैं। पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर पितरों का स्मरण करें, उनसे क्षमा मांगें और आशीर्वाद लें। साथ ही अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना करें और पीपल के पेड़ की परिक्रमा भी कर सकते हैं। इस उपाय से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। इसके अलावा, गरीबों को दान देना, शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करना और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करना भी लाभकारी होता है।
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