Surya Grahan 2025: इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर, सोमवार से शुरू हो रही है और 30 सितंबर, मंगलवार को समाप्त होगी। धार्मिक रूप से दुर्गा पूजा कलश स्थापना से शुरू होती है, जिसे कुछ स्थानों पर घटस्थापना के रूप में भी जाना जाता है। इस साल एक सूर्य ग्रहण भी इस पवित्र तिथि के निकट पड़ रहा है, जो अपने विशेष महत्व और पूजा-पाठ के लिए जाना जाता है। इसलिए इन दोनों घटनाओं में संतुलन बनाने के लिए घटस्थापना से पहले कुछ उपाय करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल 21 सितंबर, रविवार को सर्वपितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने वाला है। इस दिन विशेष रूप से पितरों का श्राद्ध किया जाता है। लेकिन इस वर्ष अमावस्या तिथि के साथ सूर्य ग्रहण के संयोग के कारण यह दिन और भी विशेष माना जा रहा है।
हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जाएगा, इसलिए इसका सूतक काल भी भारत में लागू नहीं होगा।
घटस्थापना के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। नहाने के पानी में गंगाजल और तुलसी पत्र डालें क्योंकि इससे शरीर को शुद्धता मिलती है। भले ही सूर्य ग्रहण भारत में नहीं है, लेकिन घटस्थापना करने से पहले यह अनुष्ठान महत्वपूर्ण हैं।
पीला रंग न केवल एक रंग है बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है। पीला रंग ज्ञान, प्रकाश, ऊर्जा और सौभाग्य का प्रतीक है। इसलिए घटस्थापना के दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ होगा और इससे मां दुर्गा का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
सूर्य ग्रहण के बाद पूजा स्थल की शुद्धता के लिए उसे साफ करना महत्वपूर्ण है। इसलिए घटस्थापना से पहले पूजा स्थल को साफ पानी में गंगाजल, तुलसी पत्र और हल्दी मिलाकर साफ करें।