Logo

27 June 2025 Panchang (27 जून 2025 का पंचांग)

27 June 2025 Panchang (27 जून 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 27 जून 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 27 June 2025: आज 27 जून 2025 को आषाढ़ माह का 17वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह शुक्ल पक्ष तिथि द्वितीया है। आज शुक्रवार का दिन है। सूर्य मिथुन राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:56 ए एम से 12:52 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 10:40 ए एम से 12:24 पी एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। आज सर्वार्थसिद्धि योग के साथ जगन्नाथ रथयात्रा का भी पर्व है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 27 जून 2025

  • तिथि - आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि
  • नक्षत्र - आर्द्रा
  • दिन/वार - शुक्रवार
  • योग- व्याघात और हर्षण
  • करण - कौलव, तैतिल और गर 

आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि प्रारंभ - 01:24 पी एम से

आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि समाप्त- 11:19 ए एम तक

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे।  
  • चंद्र - चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे। 

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - 05:25 ए एम
  • सूर्यास्त - 07:23 पी एम 
  • चन्द्रोदय - 07:03 ए एम 
  • चन्द्रास्त - 09:25 पी एम

आज का शुभ मुहूर्त और योग 27 जून 2025

  • सर्वार्थ सिद्धि योग - 05:25 ए एम से 07:22 ए एम
  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:05 ए एम से 04:45 ए एम।
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:56 ए एम से 12:52 पी एम। 
  • अमृत काल - 12:24 ए एम, जून 28 से 01:57 ए एम, जून 28
  • विजय मुहूर्त - 02:44 पी एम से 03:40 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 07:22 पी एम से 07:42 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 07:23 पी एम से 08:23 पी एम

आज का अशुभ मुहूर्त 27 जून 2025

  • राहु काल - 10:34 ए एम से 12:24 पी एम
  • गुलिक काल - 07:10 ए एम से 08:55 ए एम
  • आडल योग - 05:25 ए एम से 07:22 ए एम
  • यमगण्ड - 03:54 पी एम से 05:38 पी एम
  • दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • वर्ज्य - 03:06 पी एम से 04:39 पी एम
  • गण्ड मूल - नहीं है 
  • विडाल योग - 07:22 ए एम से 05:26 ए एम, जून 28

27 जून 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • शुक्रवार का व्रत - आज आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है। 
  • शुक्रवार के उपाय - शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को समर्पित है। इस दिन कुछ उपाय करके आप अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं। शुक्रवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें। इसके बाद देवी लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें कमल के फूल, सफेद चंदन, और मिठाई अर्पित करें। शुक्रवार के दिन गरीबों को सफेद वस्त्र और दूध दान करना भी लाभदायक होता है। इसके अलावा, शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुक्रवार के दिन व्रत रखें और शुक्र ग्रह के मंत्र "ॐ शुक्राय नमः" का जाप करें। इन उपायों को करने से आपको जीवन में सुख-समृद्धि और आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है।

जगन्नाथ रथयात्रा का महत्व

जगन्नाथ रथयात्रा भगवान श्रीकृष्ण के विश्राम और लोकसंग्रह के प्रतीक उत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व हर वर्ष आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को पुरी (ओडिशा) में बड़े धूमधाम से आयोजित होता है, जब भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा विशाल रथों पर सवार होकर अपनी मौसी के घर (गुंडिचा मंदिर) जाते हैं। यह यात्रा भक्त और भगवान के बीच निकटता का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन भगवान के रथ को खींचने मात्र से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह रथयात्रा भक्तों को प्रेम, सेवा और भक्ति का संदेश देती है।

रथयात्रा के शुभ उपाय

रथयात्रा के दिन प्रातः स्नान करके भगवान श्रीकृष्ण को पीले फूल, तुलसी दल और मक्खन-मीठे भोग का अर्पण करें। घर में श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने घी का दीपक जलाकर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को छाता, चप्पल, भोजन या जल दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि संभव हो तो रथयात्रा में भाग लेकर रथ को खींचें या घर में प्रतीकात्मक रथ बनाकर पूजा करें, इससे दरिद्रता, रोग और पारिवारिक क्लेशों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।

........................................................................................................
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और लाभ

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: जानिए सिंतबर में आने वाली विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत से होने वाले लाभ

कालाष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व (Kalashtami Puja Ka Shubh Muhurt, Puja Vidhi Aur Mahatv)

आश्विन माह में इस दिन मनाई जा रही कालाष्टमी, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन का महत्व

जीवित्पुत्रिका व्रत, शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि

भारत में विभिन्न त्योहारों और व्रतों का महत्व है, जिनमें से एक जीवित्पुत्रिका व्रत है। इसे जीतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए रखती हैं।

इंदिरा एकादशी की पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। पूरे साल में 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं, जिनमें से सितंबर माह में दो महत्वपूर्ण एकादशी हैं: परिवर्तिनी एकादशी और इंदिरा एकादशी।

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang