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Namkaran Muhurat January 2026 (नामकरण संस्कार शुभ मुहूर्त जनवरी 2026)

 Namkaran Muhurat January 2026 (नामकरण संस्कार शुभ मुहूर्त जनवरी 2026)

January 2026 Namkaran Muhurat: जनवरी 2026 में करना है बच्चे का नामकरण? यहां जानें शुभ मुहूर्त और नक्षत्र

नामकरण संस्कार, जिसमें बच्चे को उसका पहला नाम दिया जाता है। यह हिंदू धर्म में 16 प्रमुख संस्कारों में से एक है। नामकरण संस्कार न केवल आपके बच्चे की पहचान को परिभाषित करता है बल्कि यह उसके जीवन के उद्देश्य और मार्ग को भी निर्धारित करता है। लेकिन नामकरण संस्कार को सफल बनाने के लिए यह जरूरी है कि आप इसे एक शुभ मुहूर्त में करें। शुभ मुहूर्त का चयन करने से आपके बच्चे के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है जो उसके भविष्य को उज्जवल बनाने में मदद करता है। तो आइए जानते हैं कि जनवरी 2026 में नामकरण के लिए शुभ मुहूर्त कब-कब रहने वाले हैं।

नामकरण संस्कार शुभ मुहूर्त जनवरी 2026

पंचांग के अनुसार, जनवरी माह में नामकरण संस्कार के लिए 3 शुभ मुहूर्त है, जो इस प्रकार है- 

  • 01 जनवरी 2026, गुरूवार, नामकरण संस्कार शुभ मुहूर्त: 09:53 एएम से 11:20 एएम तक, नक्षत्र: रोहिणी
  • 05 जनवरी 2026, सोमवार, नामकरण संस्कार शुभ मुहूर्त: 09:37 एएम से 11:05 एएम तक, नक्षत्र: पुष्य
  • 28 जनवरी 2026, बुधवार, नामकरण संस्कार शुभ मुहूर्त: 09:26 एएम से 09:34 एएम,तक, नक्षत्र: रोहिणी

कब किया जाता है नामकरण संस्कार? 

आमतौर पर नामकरण संस्कार शिशु के जन्म के 10 दिन बाद किया जाता है। माना जाता है कि शिशु के जन्म से सूतक प्रारंभ हो जाता है। इसकी अवधि अलग-अलग होती है। पाराशर स्मृति के अनुसार, ब्राह्मण वर्ण में सूतक 10 दिन, क्षत्रियों में 12 दिन, वैश्य में 15 दिन और शूद्र एक महीने का माना गया है। हालांकि, आज के समय में वर्ण व्यवस्था अप्रासंगिक हो गई है ऐसे में इसे 11वें दिन किया जाता है। पारस्कर गृह्यसूत्र में कहा गया है, “दशम्यामुत्थाप्य पिता नाम करोति”। इसका मतलब 10वें दिन भी नामकरण संस्कार किया जाता है। यह पिता द्वारा संपन्न होता है। वहीं, यह संस्कार 100वें दिन या शिशु के जन्म से 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी किया जाता है।

नामकरण संस्कार का महत्व 

नामकरण संस्कार एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ज्योतिषीय अनुष्ठान है जो बच्चे के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह संस्कार न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि इसका ज्योतिषीय महत्व भी बहुत बड़ा है। एक नाम बच्चे के भविष्य पर गहरा असर डाल सकता है और जब माता-पिता पूरे विश्वास और श्रद्धा से इस संस्कार को करते हैं तो इसका सकारात्मक प्रभाव बच्चे के जीवन पर पड़ता है। इसलिए किसी शुभ तिथि और समय का चयन कर, ज्योतिषी की सलाह से ही बच्चे का नामकरण समारोह करना चाहिए। इसका महत्व इस प्रकार है

  • नाम का अर्थ और प्रभाव: एक नाम में धार्मिक और व्यवहारिक दोनों ही अर्थ होते हैं, जो बच्चे को उसकी पहचान देते हैं।
  • भविष्य को प्रभावित करने की शक्ति: नाम बच्चे के चरित्र और भाग्य को प्रभावित करता है। नाम में निहित ऊर्जा बच्चे के जीवन को शानदार या सामान्य बना सकती है।
  • ज्योतिषीय महत्व: नामकरण संस्कार का ज्योतिषीय महत्व भी बहुत बड़ा है। बच्चे के नाम का चयन उसकी कुंडली और ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए ताकि उसे जीवन में सौभाग्य प्राप्त हो।
  • पारंपरिक महत्व: पारंपरिक नामकरण समारोह न सिर्फ बच्चे के जीवन को समृद्ध बनाने के लिए शुभकामनाएं देता है, बल्कि उसका भविष्य भी उज्ज्वल करने में मदद करता है।

नामकरण संस्कार करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

  • शुभ मुहूर्त चुनें: नामकरण के लिए सही दिन, तिथि और नक्षत्र का चुनाव बेहद जरूरी है। इस दौरान ज्योतिषीय सलाह लेना फायदेमंद रहेगा।
  • सही दिन: बच्चे का नाम रखने के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार सबसे शुभ माने जाते हैं।
  • इन तिथियों से बचें: नवमी, चतुर्थी, चतुर्दशी, और अमावस्या के दिन नामकरण करना अशुभ माना जाता है, इनसे बचना चाहिए।
  • दो नाम रखें: ज्योतिष के अनुसार, बच्चे का एक आधिकारिक नाम और एक गुप्त नाम होना चाहिए, जो सिर्फ परिवार के लोग जानते हों।

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