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Annaprashan Sanskaar Shubh Muhurat December 2025 (अन्नप्राशन संस्कार शुभ मुहूर्त जनवरी 2026)

Annaprashan Sanskaar Shubh Muhurat December 2025 (अन्नप्राशन संस्कार शुभ मुहूर्त जनवरी 2026)

January 2026 AnnaPrashan Muhurat: जनवरी 2026 में करना चाहते हैं बच्चे का अन्नप्राशन संस्कार? यहां जानें शुभ मुहूर्त और नक्षत्र

हिंदू धर्म की समृद्ध परंपरा में "सोलह संस्कार" का महत्वपूर्ण स्थान है, जो जीवन के हर महत्वपूर्ण पड़ाव को दिशा देते हैं। इन संस्कारों में से एक है अन्नप्राशन, जब बच्चा पहली बार ठोस आहार का स्वाद लेता है। यह संस्कार न केवल बच्चे के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन बच्चे की स्वस्थ, समृद्ध और खुशहाल जिंदगी की नींव रखता है। आइए जानते हैं जनवरी 2026 में अन्नप्राशन संस्कार की शुभ तिथियां और शुभ मुहूर्त क्या हैं।

जनवरी अन्नप्राशन मुहूर्त 2026

पंचांग के अनुसार, जनवरी माह में अन्नप्राशन संस्कार के लिए 6 शुभ मुहूर्त है, जो इस प्रकार है- 

  • 1 जनवरी 2026, गुरूवार, अन्नप्राशन शुभ मुहूर्त: 07:14 एएम से 11:20 एएम तक, नक्षत्र: रोहिणी
  • 5 जनवरी 2026, सोमवार, अन्नप्राशन शुभ मुहूर्त: 07:55 एएम से 11:05 एएम तक, नक्षत्र: पुष्य
  • 12 जनवरी 2026, सोमवार, अन्नप्राशन शुभ मुहूर्त: 01:37 पीएम से 03:33 पीएम तक, नक्षत्र: स्वाती
  • 23 जनवरी 2026, शुक्रवार, अन्नप्राशन शुभ मुहूर्त: 02:33 पीएम से 02:50 पीएम तक, नक्षत्र: स्वाती
  • 23 जनवरी 2026, शुक्रवार, अन्नप्राशन शुभ मुहूर्त: 05:04 पीएम से 05:53 पीएम तक, नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद 
  • 28 जनवरी 2026, बुधवार, अन्नप्राशन शुभ मुहूर्त: 09:26 एएम से 09:34 एएम तक, नक्षत्र: रोहिणी

अन्नप्राशन संस्कार के लिए ये दिन शुभ 

दरअसल, जन्म के शुरुआती छह महीनों में शिशु की दुनिया में सिर्फ मां का दूध होता है, लेकिन जब वह पहली बार पके हुए भोजन का स्वाद लेता है, तो यह उसकी आहार यात्रा का नया अध्याय होता है। साथ ही परिवार की शुभकामनाओं का प्रतीक भी। अन्नप्राशन के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को शुभ माना जाता है। यह संस्कार सदैव शुभ मुहूर्त में ही किया जाना चाहिए।

अन्नप्राशन संस्कार का महत्व

अन्नप्राशन संस्कार, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। यह संस्कार बच्चे के जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य का संचार करने का एक तरीका है। इस दौरान बच्चे को पहली बार अन्न चखाया जाता है, जो उसके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत करता है। वैदिक शास्त्रों में अन्न को जीवन का प्राण बताया गया है। साथ ही यह जीवन के लिए आवश्यक है। बता दें कि अन्न शुद्धि और आहार शुद्धि सबसे महत्वपूर्ण है। आज के समय में लोगों को इसका ध्यान रखना चाहिए ताकि वे स्वस्थ और समृद्ध जीवन जी सकें।

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