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गोदावरी नदी (Godavari Nadi)

गोदावरी नदी (Godavari Nadi)

हिंदू पौराणिक कथाओं की 'पवित्र सात नदियों' में गोदावरी नदी का उल्लेख मिलता है। गंगा और यमुना के अलावा गोदावरी का भी भारत में काफी महत्त्व है। यह नदी उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृतियों का संगम है। प्रत्येक बारह वर्षों के बाद गोदावरी के तट पर एक प्रमुख स्नान पर्व का आयोजन किया जाता है,  जिसे पुष्करम कहते हैं। यह एक प्रमुख आयोजन है जब लाखों भक्त इसके जल में पवित्र डुबकी लगाते हैं। यह पवित्र नदी महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्र्यंबकेश्वर के पास मध्य भारत के पश्चिमी घाट से निकलती है, और आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी व पूर्वी गोदावरी जिले में प्रवेश करते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है। गंगा के बाद यह देश की दूसरी सबसे लंबी (1,465 किलोमीटर) नदी है।  इस नदी के तट पर त्रयंबकेश्वर, भद्राचलम, नांदेड़ जैसे बड़े तीर्थ स्थल हैं। 


गोदावरी नदी की उत्पत्ति 


गोदावरी नदी की उत्पत्ति से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। जिसके अनुसार जब महर्षि गौतम पर गौ हत्‍या का झूठा आरोप लगा था तो उन्होंने एक वन में जाकर भगवान शिवजी की आराधना करना शुरू की। महर्षि गौतम का निश्‍चय इतना दृढ़ था की उन्‍होंने धूप, गर्मी, ठंड, बारिश एवं जंगली जीवों का भय न रखते हुए अपनी तपस्‍या जारी रखी। उउनकी भक्‍ति और कठोर तपस्‍या के कारण वन का वह भाग जिसे उन्‍होंने अपनी तपोभूमि बनाया था वहां दिव्‍य तेज उत्‍पन्‍न हो गया। उनकी भक्‍ति से प्रसन्‍न होकर भगवान शिवजी ने उन्‍हें दर्शन दिए और मनोवांछित वर मांगने को कहा। तब उन्‍होंने भगवान भोलेनाथ से कहा, "प्रभु यदि मेरी भक्‍ति सच्‍ची है, तो कृपा करके यहां देवी गंगा को नदी के रूप में भेजें। जिससे मुझ पर लगा गौ हत्‍या का आरोप झूठा साबित हो सके।" तब भगवान शिवजी ने कहा , "हे ऋषि गौतम, देवी गंगा पहले से ही धरती पर विराजमान हैं और उन्‍हें वहां से यहां स्‍थानांतरित नहीं किया जा सकता । परन्‍तु देवी गंगा के स्‍थान पर देवी गोदावरी यहां नदी के रूप में स्‍वयं विराजमान रहेंगी और उनकी उत्‍पत्ति ब्रह्मगिरी पर्वत से होगी।" शिव के इन वचनों के बाद देवी गोदावरी वहां प्रकट हो गईं और नदी के रूप में प्रवाहमान होकर महर्षि गौतम को अपने शीतल और पवित्र जल से शांति प्रदान की।  ऋषि गौतम से संबंध जोड़े जाने के कारण इसे गौतमी के नाम से भी जाना जाता हैं।


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बांके बिहारी मुझको देना सहारा (Banke Bihari Mujhko Dena Sahara)

बांके बिहारी मुझे देना सहारा,
कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा॥

बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा (Banke Bihari Re Door Karo Dukh Mera)

बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा,
दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी,

बांके बिहारी तेरे नैना कजरारे, नजर ना लग जाए (Banke Bihari Tere Naina Kajrare Nazar Na Lag Jaye)

बांके बिहारी तेरे नैना कजरारे,
नजर ना लग जाए,

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी (Banshi Wale Teri Bansuri Kamal Kar Gayi)

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

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