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नंदिकेश्वरी शक्तिपीठ मंदिर, बीरभूम, पश्चिम बंगाल (Nandikeshwari Shaktipeeth Temple, Birbhum, West Bengal)

नंदिकेश्वरी शक्तिपीठ मंदिर, बीरभूम, पश्चिम बंगाल (Nandikeshwari Shaktipeeth Temple, Birbhum, West Bengal)

माता सती का हार

नंदिकेश्वरी शक्तिपीठ मंदिर में माता सती के शरीर का कोई अंग नहीं बल्कि उनका आभूषण हार गिरा था। यहां माता के देवी नंदिनी और शिव के नंदकिशोर स्वरूप की पूजा होती है। शायद यही कारण है कि शक्तिपीठ को नंदिकेश्वरी कहा जाता है। नंदिकेश्वरी नाम पड़ने का एक कारण भगवान शिव के वाहन नंदी भी माना जाता है। जिसका अर्थ है नंदी की ईश्वर। 


मंदिर के अंदर मनोकामना वाला बरगद

1320 ई. में निर्मित इस मंदिर में देवी नंदिनी और नंदकिशोर की दो मूर्तियां मौजूद हैं। मुख्य मूर्ति काले-लाल पत्थर की है। जिस पर चांदी के मुकुट और तीन स्वर्ण नेत्रों से सुशोभित है। मंदिर के अंदर राम-सीता मंदिर, शिव मंदिर, महा सरस्वती मंदिर, महा लक्ष्मी-गणेश मंदिर आदि बहुत से मंदिर है। यहाँ एक विशाल पवित्र बरगद का पेड़ है जहाँ भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए लाल और पीले धागे बांधते हैं। माता को दोपहर में अन्न-भोग चढ़ाया जाता है।


शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के कस्बे स्थित नंदीपुर गांव में है। कोलकाता एयरपोर्ट से शक्तिपीठ 193 किमी दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन नंदीपुर है।


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मेरो मन राम ही राम रटे रे (Mero Maan Ram Hi Ram Rate Re)

मेरो मन राम ही राम रटे रे,
राम ही राम रटे रे ॥

मेरो मॅन लग्यॉ बरसाने मे (Mero Man Lagyo Barsane Mei Jaha Viraje Radharani)

बोलो राधे राधे, बोलो श्यामा श्यामा
बोलो राधे राधे, बोलो श्यामा श्यामा

मेरो राधा रमण गिरधारी (Mero Radha Raman Girdhaari)

मेरो राधा रमण गिरधारी,
गिरधारी श्याम बनवारी,

म्हने हिचक्या आवे जी (Mhane Hichkiyan Aave Ji)

अरज लगावे जी,
सांवरिया थासु अरज लगावे जी,

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