शिवहारकराय, जिसे करावीपुर के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू देवी दुर्गा को समर्पित एक शक्तिपीठ है। जो पाकिस्तान के कराची में स्थित है। मान्यता के अनुसार यहां माता सती की तीसरी आँख गिरी थी।
देवी को महिषासुरमर्दिनी के रूप में जाना जाता है। भगवान शिव को यहाँ क्रोधीश रागी के रूप में पूजा जाता है। हिंदू देवी को "करावीपुर देवी" भी कहते हैं, और मुसलमान उन्हें "नानी" कहते हैं। यह स्थान विष जनित बीमारियों जैसे कि साँप के काटने के उपचार के लिए प्रसिद्ध है। भक्तजन स्वास्थ्य और विवाह की पूर्ति के लिए भी इस मंदिर में आते हैं।
वीजा के लिए आवेदन करने के लिए भारत में पाकिस्तान उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास पर जाएँ। आपको एक वैध पासपोर्ट (कम से कम छह महीने की वैधता के साथ), एक भरा हुआ वीजा आवेदन पत्र, हाल ही की तस्वीरें और यात्रा दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
कुछ वाणिज्य दूतावास ऑनलाइन वीजा सेवाएँ प्रदान करते हैं, इसलिए जाँच करें कि क्या यह विकल्प उपलब्ध है। दिल्ली, मुंबई या बैंगलोर जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से कराची के लिए उड़ान बुक करें। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) और एयर इंडिया जैसी एयरलाइंस सीधी उड़ानें प्रदान करती हैं। यात्रा में आमतौर पर 2-3 घंटे लगते हैं। कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरें। सुनिश्चित करें कि आपके पास कस्टम और इमिग्रेशन जाँच के लिए आपके सभी दस्तावेज तैयार हैं।
एयरपोर्ट से, शिवहरकराय शक्ति पीठ तक पहुँचने के लिए टैक्सी लें। यह कराची के सदर इलाके में स्थित है, जो एयरपोर्ट से लगभग 10-15 किलोमीटर दूर है। ट्रैफ़िक की स्थिति के आधार पर ड्राइव में लगभग 30-45 मिनट लगते हैं। यदि आप कराची से परिचित नहीं हैं, तो सहायता के लिए किसी स्थानीय ट्रैवल एजेंसी या गाइड से संपर्क करना मददगार हो सकता है। वे दिशा-निर्देश प्रदान कर सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप शहर में सुरक्षित रूप से घूम सकें। यात्रा करने से पहले कराची में सुरक्षा और संरक्षा से संबंधित किसी भी यात्रा सलाह या अपडेट की जांच करें। अधिकारियों द्वारा दिए गए किसी भी स्थानीय नियम या सलाह का पालन करें।
अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से अप्रैल साल का चौथा महीना होता है। अप्रैल का दूसरा हफ्ता विभिन्न त्योहारों और उत्सवों से भरा हुआ है। इस हफ्ते में कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे।
हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है, और चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उस दिन को संक्रांति कहा जाता है। एक वर्ष में कुल 12 संक्रांति होती हैं, लेकिन इन सभी में मेष संक्रांति का विशेष महत्व है।
हिन्दू धर्म में विकट संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश का एक महत्वपूर्ण पर्व होता है, जिसे भक्त भगवान गणेश की कृपा प्राप्ति और सभी विघ्नों के नाश के लिए करते हैं।