बहुला शक्तिपीठ, बर्धमान, पश्चिम बंगाल (Bahula Shaktipeeth, Bardhaman, West Bengal)

मां का बायां हाथ माता सती के बहुला रूप और भगवान शिव के भीरूक स्वरूप का पूजा स्थल बहुल शक्तिपीठ 

मां बहुला मंदिर बर्धमान स्थित कटवा से 8 किलोमीटर की दूरी पर केतु ग्राम में अजय नदी के तट पर स्थित है। यहां मां सती का बायां हाथ गिरा था। बहुला देवी को उनके पुत्र कार्तिकेय और गणेश के साथ देखा जाता है। यहां भगवान शिव को भीरुक के रूप में देवी बहुला के साथ पूजा जाता है। 'भीरुक' का अर्थ है वह व्यक्ति जिसने ध्यान के उच्चतम स्तर या 'सर्वसिद्धक' को प्राप्त कर लिया हो। माना जाता है कि तीनों मूर्तियों की स्थापना राजा चंद्रकेतु द्वारा की गई थी। यहां भक्तजन रोजाना सुबह देवी माँ को मिठाई और फल चढ़ाकर पूजा करते हैं।


कैसे पहुंचे बहुला शक्तिपीठ :

माँ बहुला शक्तिपीठ काजी नजरूल इस्लाम हवाई अड्डे, दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल से 125 किमी दूर है। बहुला शक्तिपीठ को कोलकाता से ट्रेन या बस से पहुंचा जा सकता है। फिंडिया रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से आपको टैक्सी या ऑटो रिक्शा ले कर वहां जाना होगा। दुर्गापुर भी बहुला शक्तिपीठ के निकटतम शहरों में से एक है। यहाँ से ट्रेन, बस, या टैक्सी का इस्तेमाल करके आप बहुला शक्तिपीठ तक पहुंच सकते हैं।आसनसोल भी एक अन्य सहायक शहर है जहाँ से आप बहुला शक्तिपीठ तक पहुंच सकते हैं। यहाँ पहुँचने के बाद, आपको अपनी जरूरत के मुताबिक लोकल ट्रांसपोर्टेशन का  इस्तेमाल करना होगा। बहुला शक्तिपीठ परिसर तथा मंदिर के पास कई लोकल ट्रांसपोर्ट सुविधाएं मौजूद हैं। यहां आसपास आपको रहने के लिए छोटे होटल या लॉज मिल जाएगा।


डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।