राजस्थान में एक गांव है बैराट। जहां अंबिका शक्तिपीठ है। इसे राजस्थान का पूर्वी प्रवेशद्वार भी कहा जाता है। मान्यता है यहां माता के बांये पैर की उंगालियां गिरीं थीं।
इस मंदिर में देवी सती की मूर्ति को अंबिका भगवान शिव को अमृतेश्वर के रूप में पूजा जाता है। मां अंबिका शक्तिपीठ मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और समृद्ध नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का निर्माण विशिष्ट राजस्थानी शैली में किया गया है। विभिन्न हिंदू देवताओं को समर्पित अन्य छोटे मंदिर भी हैं। मंदिर के गर्भगृह में मां अंबिका की काले रंग की मूर्ति विराजमान हैं। जिसक ऊपर एक ऊंचा शिखर और एक सुंदर प्रवेश द्वार है। यहां एक यज्ञ शाला भी है जहां धार्मिक आयोजन होते रहते हैं।
अंबिका मंदिर या विराट शक्ति पीठ मंदिर कोटपूतली-बहरोड़ जिला जिले में विराट नगर के बैराट गाँव में स्थित है। अलवर सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जिसकी दूरी मात्र 60 किमी है। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट यहां से 100 किमी दूर स्थित है।
सनातन धर्म में साल में आने वाली चारों नवरात्रि का बहुत खास महत्व है। हर साल चार बार नवरात्रि आती है, जिनमें से माघ गुप्त नवरात्रि भी शामिल हैं।
साल में आने वाली चारों नवरात्रि का सनातन धर्म के लोगों के लिए खास महत्व है। 30 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। जिसका समापन अगले महीने 7 फरवरी 2025 को होगा।
हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बड़ा महत्व है।
माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन मौन साधना करना विशेष लाभदायक माना जाता है। इस साल यह अमावस्या 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।