माता सती दायां कंधा
माता सती के कंधे के गिरने से हुआ इस शक्तिपीठ का निर्माण, माता के कुमारी रूप की पूजा होती है
कुमारी या रत्नावली शक्तिपीठ, माना जाता है यहां माता सती का दाहिना कंधा गिरा जिसके चलते इस स्थान पर शक्तिपीठ का निर्माण हुआ। यह शक्तिपीठ खानाकुल-कृष्णानगर,जिला हुगली में रत्नाकर नदी के तट पर स्थित है। यहां मां सती की मूर्ति को कुमारी कहा जाता है। वहीं भगवान शिव को भैरव के रूप में पूजा जाता है। आनंदमयी शक्तिपीठ भी इसी का नाम है।
वैसे तो रत्नावली शक्तिपीठ में सभी त्यौहार मनाए जाते हैं लेकिन दुर्गा पूजा और नवरात्रि पर यहां विशेष पूजा का आयोजन होता है। इन दिनों में भक्त उपवास रखकर देवी की उपासना करते हैं और अपने आप को अध्यात्म में लीन करते हैं। पर्व के दिनों में मंदिर पर फूल और विद्युत साज-सज्जा देखने मिलती है।
हवाई और रेल मार्ग से पहुंच सकते हैं
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा कोलकाता में स्थित निकटतम हवाई अड्डा है। हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन से साधन लेकर शक्तिपीठ तक पहुंचा जा सकता है। हुगली की रोड कनेक्टिविटी भी बेहतर है।
हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को एक अत्यंत पवित्र और शुभ समय माना जाता है। हमारे ऋषि-मुनियों ने ब्रह्म मुहूर्त में उठने को अत्यंत लाभकारी बताया है। धार्मिक ग्रंथों और वेदों में भी इस समय का विशेष महत्व बताया गया है।
हिंदू धर्म में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। 2025 की शुरुआत में सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में जाने से कई राशि प्रभावित होंगे। सूर्य का मकर गोचर 14 जनवरी 2025 को सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर होगा।
2025 में विभिन्न ग्रह अपनी राशि परिवर्तन करेंगे। इसमें गुरु का भी गोचर होगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवताओं के गुरु बृहस्पति सभी ग्रहों में सबसे खास और असरकारक ग्रह माने जाते हैं।
2025 में शुक्र ग्रह एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करेंगे। इसका प्रभाव 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी प्रकार से अवश्य पड़ेगा। दैत्यों के गुरु शुक्र को प्रेम-आकर्षण, कामना, सुख-समृद्धि, धन-वैभव का कारक ग्रह माना जाता है।