वृंदावन का यह अनोखा मंदिर, जहां कांच की कला में नजर आते हैं भगवान श्री कृष्ण
परिचय:
वृंदावन में स्थित यह अनोखा मंदिर ‘कांच का मंदिर’ के नाम से प्रसिद्ध है। इसका निर्माण वर्ष 1996 में किया गया था और यह कृष्ण प्रणामी संप्रदाय का प्रमुख मंदिर है। इस संप्रदाय की स्थापना लगभग 400 वर्ष पूर्व स्वामी श्री सदानंद जी महाराज ने की थी।
मंदिर की विशेषता इसकी कांच और चमकीले पत्थरों से सजी भव्य सजावट है, जो इसे अद्वितीय बनाती है। श्रद्धालु जब इस मंदिर में प्रवेश करते हैं तो कांच की अनूठी कारीगरी और भव्यता को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। यही कारण है कि यहां आने वाले भक्तों का मंदिर से बाहर निकलने का मन नहीं करता। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
कौन थे स्वामी श्री सदानंद जी महाराज?
स्वामी सदानंद जी बचपन से ही कृष्ण भक्ति में लीन रहते थे। एक दिन भजन के दौरान उन्हें भगवान कृष्ण और राधा जी के साक्षात दर्शन हुए। इसके बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन कृष्ण भक्ति को समर्पित कर दिया। इसी कारण उन्हें ‘प्रणामी बाबा’ कहा जाने लगा।
समय के साथ उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ती गई और उनके प्रचार के कारण इस संप्रदाय को ‘कृष्ण प्रणामी संप्रदाय’ कहा जाने लगा। वर्तमान में इस संप्रदाय के भारतभर में 400 से अधिक मंदिर हैं।
समय:
सुबह 6:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक
दोपहर 3:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
ॐ जय गौरी नंदा,
प्रभु जय गौरी नंदा,
ऊँ शिव गोरक्ष योगी
गंगे हर-नर्मदे हर, जटाशङ़्करी हर ऊँ नमो पार्वती पतये हर,
ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो,
गुण के आगार सत्यम् शिवम् सुंदरम्,
ॐ मंगलम ओमकार मंगलम
[ ॐ मंगलम ओमकार मंगलम ]