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देव उठनी एकादशी पर क्या खाना चाहिए?

देव उठनी एकादशी पर क्या खाना चाहिए?

देव उठनी एकादशी: जानिए इस दिन कौनसी वस्तुओं से करना चाहिए परहेज, एकादशी पर खाने योग्य वस्तुओं की सूची


सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। साल में दो एकादशी बड़ी एकादशी मानी जाती है, जिसका महत्व साल भर में पड़ने वाली सभी एकादशी के बराबर होता है। इस साल देव उठनी ग्यारस, जिसे बड़ी ग्यारस भी कहा जाता है, 12 नवम्बरन 2024 को मनाई जाएगी। हिन्दू धर्म में इस दिन के व्रत को बहुत खास माना जाता है। इस व्रत के कई नियम भी हैं। इस दिन व्रती फल, आलू, शकरकंद, दूध जैसे सात्विक चीजों का ही सेवन करते हैं। इस दिन चावल खाने की सख्त मनाही होती है। 


एकादशी  व्रत से संबंधित नियम 


एकादशी के दिन व्रत रखना शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु के लिए उपवास जरूर रखें। अगर आप व्रत रख रहे हैं या फिर किसी कारण नहीं रख पा रहे हैं, फिर भी आपको एकादशी के दिन धन, कपड़े, भोजन और पानी का दान करना चाहिए। ऐसे कार्यों को करना फलदायी माना जाता है। साथ ही इस शुभ दिन पर साधक को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। एकादशी के दौरान भक्तों को अपने शरीर और मन पर नियंत्रण रखना चाहिए और मंत्रों का जाप करते हुए अपना दिन बिताना चाहिए। भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत में केला, आम, अंगूर आदि के साथ सूखे मेवे जैसे बादाम, पिस्ता आदि का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा सभी प्रकार के फल, चीनी, कुट्टू, आलू, साबूदाना, शकरकंद, जैतून, नारियल, दूध, बादाम, अदरक, काली मिर्च, सेंधा नमक आदि का सेवन किया जा सकता है।


तुलसी पूजन से मिलेगा फल


व्रत के साथ ही तुलसी पत्र भगवान विष्णु को अति प्रिय है और उनकी पूजा तुलसी पत्र के बिना अधूरी मानी जाती है। इसलिए, इस शुभ दिन पर तुलसी पत्र चढ़ाना चाहिए। लेकिन इस दिन के लिए पहले से ही तुलसी पत्र को तोड़कर रख लें। क्योंकि, मान्यताओं के अनुसार इस दिन तुलसी को नहीं तोड़ना चाहिए।


इन चीजों का ना करें उपयोग 


देव उठनी एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। मान्यता है कि चावल को हविष्य अन्न कहा जाता है। ये देवताओं का भोजन माना गया है। ऐसे में इस दिन चावल खाने से व्यक्ति के सारे पुण्य नष्ट हो सकते हैं। इसके अलावा एकादशी तिथि पर जौ, मसूर की दाल, बैंगन और सेमफली को खाना भी वर्जित माना जाता है। साथ ही भोजन में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। एकादशी के दिन भगवान नारायण को पान अर्पित किया जाता है, ऐसे में व्यक्ति को पान भी नहीं खाना चाहिए। साथ ही इस दिन मांस, मदिरा और अन्य तीखी व मसालेदार चीजों का सेवन भी वर्जित होता है। इस दिन पूरी तरह सात्विक भोजन ही करना चाहिए।
ध्यान रखने वाली बात ये है कि देव उठनी एकादशी के दिन किसी दूसरे के घर का भोजन नहीं करना चाहिए। यहां तक कि दूसरे के घर का पानी भी नहीं पीना चाहिए।

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