आज 5 अक्टूबर 2025 आश्विन मास का 28वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जो कि 03:03 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज रविवार का दिन है।
आज 4 अक्टूबर 2025 आश्विन मास का 27वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है, जो कि 05:09 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज शनिवार का दिन है।
आज 3 अक्टूबर 2025 से आश्विन मास का 26वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जो कि 06:32 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज शुक्रवार का दिन है।
आज 2 अक्टूबर 2025 से आश्विन मास का 25वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है, जो कि 07:10 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद एकादशी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज गुरूवार का दिन है।
हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व अत्यंत पावन माना जाता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होकर नवमी तिथि तक चलते हैं।
हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। शारदीय नवरात्रि का पर्व इस बार 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाया जा रहा है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा और व्रत किया जाता है।
शारदीय नवरात्रि का पर्व हर साल विशेष श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान देवी दुर्गा की पूजा के साथ कई अनुष्ठान किए जाते हैं। इन्हीं अनुष्ठानों में बिल्व निमंत्रण एक प्रमुख परंपरा है।
शारदीय नवरात्रि का हर दिन देवी दुर्गा की साधना और आराधना के लिए खास महत्व रखता है। नवरात्रि की सप्तमी तिथि पर नवपत्रिका पूजा की परंपरा है, जिसे पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है।
शारदीय नवरात्र का हर दिन देवी मां के अलग-अलग स्वरूप को समर्पित होता है। इसी क्रम में सप्तमी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन मां सरस्वती का आह्वान किया जाता है, जिसे सरस्वती आवाहन कहते हैं।
शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना के कई विशेष अनुष्ठान होते हैं। इन्हीं में से एक है अकाल बोधन। इसका अर्थ है कि मां दुर्गा को उनके नियत समय से पहले जगाना और धरती पर आमंत्रित करना।