Aaj Ka Panchang: आज 2 अक्टूबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 2 October 2025: आज 2 अक्टूबर 2025 से आश्विन मास का 25वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है, जो कि 07:10 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद एकादशी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज गुरूवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज गुरूवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:46 ए एम से 12:34 पी एम तक है। इस दिन राहुकाल 01:39 पी एम से 03:08 पी एम तक रहेगा। आज कई बड़े त्योहार है, जिसमें सरस्वती विसर्जन, दुर्गा विसर्जन, विजयादशमी, दशहरा, मध्वाचार्य जयन्ती, मैसूर दसरा, बुद्ध जयंती शामिल है। साथ ही वार के हिसाब से आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 2 अक्टूबर 2025 (Aaj Ka Panchang 2 October 2025)
- तिथि - 07:10 पी एम तक शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि। इसके बाद एकादशी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - उत्तराषाढा (09:13 ए एम तक) श्रवण
- दिन/वार - गुरूवार
- योग - सुकर्मा (11:29 पी एम तक) धृति
- करण - तैतिल (07:11 ए एम तक) गर (07:10 पी एम तक) वणिज
आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी तिथि प्रारंभ - 07:01 पी एम, अक्टूबर 01
आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी तिथि समाप्त - 07:10 पी एम, अक्टूबर 02
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:15 ए एम
- सूर्यास्त - 06:06 पी एम
- चन्द्रोदय - 03:09 पी एम
- चन्द्रास्त - 01:56 ए एम, अक्टूबर 03
आज का शुभ मुहूर्त और योग 2 अक्टूबर 2025 (Aaj ka Shubh Muhurat aur Yog 2 October 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:38 ए एम से 05:26 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:46 ए एम से 12:34 पी एम
- विजय मुहूर्त - 02:09 पी एम से 02:56 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 06:06 पी एम से 06:30 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 06:06 पी एम से 07:19 पी एम
- अमृत काल - 11:01 पी एम से 12:38 ए एम, अक्टूबर 03
- रवि योग - पूरे दिन
आज का अशुभ मुहूर्त 2 अक्टूबर 2025 (Aaj ka Ashubh Muhurat 2 October 2025)
- राहु काल - 01:39 पी एम से 03:08 पी एम
- गुलिक काल - 09:12 ए एम से 10:41 ए एम
- यमगंड - 06:15 ए एम से 07:43 ए एम
- विडाल योग - 06:15 ए एम से 10:52 ए एम
- वर्ज्य - 01:16 पी एम से 02:54 पी एम
- दिशाशूल - दक्षिण, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
2 अक्टूबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (2 October 2025 ke Parv / Tyohar / Vrat)
- गुरूवार का व्रत - आज आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है।
- सरस्वती विसर्जन - नवरात्रि के दौरान सरस्वती पूजा के चौथे और अंतिम दिन को सरस्वती विसर्जन दिवस या सरस्वती उद्वासन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देवी सरस्वती की विधिवत आराधना करनी चाहिए और उनसे बुद्धि, विद्या और ज्ञान प्रदान करने की प्रार्थना करनी चाहिए। श्रवण नक्षत्र में सरस्वती विसर्जन करना उचित माना जाता है। विसर्जन के साथ ही चार दिवसीय सरस्वती पूजा का समापन हो जाता है।
- दुर्गा विसर्जन - दुर्गा विसर्जन दशमी तिथि के दौरान एक निश्चित शुभ समय में किया जाता है, जो आमतौर पर प्रातःकाल या अपराह्न में होता है। यदि श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि दोनों अपराह्न में होते हैं, तो अपराह्न को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। विसर्जन के बाद, कई भक्त नवरात्रि के उपवास को तोड़ते हैं, इसलिए दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त नवरात्रि पारण के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।
- विजयादशमी/दशहरा - विजयादशमी का त्योहार भगवान श्री राम की रावण पर विजय और देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है। इसे दशहरा या दसरा भी कहा जाता है और नेपाल में इसे दशैं के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शमी पूजा, अपराजिता पूजा और सीमा अवलंघन जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं, जिन्हें अपराह्न समय में करना उचित माना जाता है।
- बंगाल विजयादशमी - विजयादशमी का त्योहार भगवान राम की रावण पर विजय और देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है, जिसे दशहरा या दसरा भी कहा जाता है। पश्चिम बंगाल में विजयादशमी अन्य राज्यों से एक दिन बाद मनाई जा सकती है, क्योंकि यहाँ मुहूर्त की बजाय केवल दशमी तिथि को महत्व दिया जाता है, जबकि अन्य राज्यों में मध्यान्ह के समय तिथि और नक्षत्र के संयोग के आधार पर मनाया जाता है। नेपाल में इसे दशैं के रूप में मनाया जाता है।
- मैसूर दसरा - विजयादशमी के उत्सव पर मैसूर में एक भव्य दशहरा शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें देवी चामुण्डेश्वरी की प्रतिमा एक सुसज्जित हाथी पर विराजमान होकर चलती है। इस शोभायात्रा में झांकी, नृत्य समूह, संगीत, सजे हुए हाथी, घोड़े और ऊंट शामिल होते हैं। लगभग पांच किलोमीटर लम्बी यह शोभायात्रा मैसूर पैलेस से शुरू होकर बन्निमन्तप में समाप्त होती है, जहां शमी के पेड़ की पूजा की जाती है। यह हाथी परेड 'जम्बो सवारी' के नाम से प्रसिद्ध है।
2 अक्टूबर 2025 आज के उपाय (2 October 2025 Aaj ke Upay)
- गुरूवार के उपाय - गुरुवार के दिन दूध में केसर या हल्दी मिलाकर पीने से कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। इसके अलावा, शिवजी का अभिषेक करने और घर के मुख्य द्वार पर हल्दी मिले जल का छिड़काव करने से भी नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 'ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:' मंत्र का 108 बार जाप करने से बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती है और कुंडली में मौजूद गुरु दोष से राहत मिलती है। भगवान विष्णु की पूजा और विष्णु स्तोत्र का पाठ करने से भी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। गाय को चने की दाल और गुड़ खिलाने से भी गुरु मजबूत होता है साथ ही कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
- विजयादशमी /दशहरा के दिन करें ये उपाय - दशहरे के दिन रावण दहन की राख को लाल कपड़े में बांधकर घर के मुख्य द्वार पर बांधने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सफलता के योग बनते हैं। राख को परिवार के सदस्यों के चारों ओर घुमाकर बाहर फेंकने से स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं और वास्तु दोष खत्म होता है। माथे पर राख लगाने से धन-धान्य में वृद्धि होती है, कर्ज से मुक्ति मिलती है और व्यापार में लाभ होता है। नवरात्रि में बोए गए ज्वारे को तिजोरी में रखने से धन संपत्ति में वृद्धि होती है, जबकि विद्यार्थियों के लिए इसे किताब में रखने से पढ़ाई में सफलता मिलती है। नौकरी में प्रमोशन के लिए मां दुर्गा को फल अर्पित करने और ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करने से लाभ होता है। व्यापार लाभ के लिए नारियल और मिष्ठान्न को राम मंदिर में चढ़ाने से व्यापार में सुधार होता है।
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