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4 October 2025 panchang (4 अक्टूबर 2025 का पंचांग)

4 October 2025 panchang (4 अक्टूबर 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 4 अक्टूबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 4 October 2025: आज 4 अक्टूबर 2025 आश्विन मास का 27वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है, जो कि 05:09 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज शनिवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा कुंभ राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:46 ए एम से 12:33 पी एम तक है। इस दिन राहुकाल 09:13 ए एम से 10:41 ए एम तक रहेगा। आज शनि त्रयोदशी, पद्मनाभ द्वादशी और शनि प्रदोष व्रत है। साथ ही वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 4 अक्टूबर 2025 (Aaj Ka Panchang 4 October 2025)

  • तिथि - 05:09 पी एम तक शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि। इसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जाएगी।
  • नक्षत्र - धनिष्ठा (09:09 ए एम तक) शतभिषा
  • दिन/वार - शनिवार
  • योग - शूल (07:27 पी एम तक) गण्ड
  • करण - बालव (05:09 पी एम तक) कौलव (04:11 ए एम, अक्टूबर 05 तक) तैतिल

आश्विन शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि प्रारंभ - 06:32 पी एम, अक्टूबर 03

आश्विन शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि समाप्त - 05:09 पी एम, अक्टूबर 04

सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)

  • सूर्य - सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा कुंभ राशि में रहेंगे।

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama ka Muhurat)

  • सूर्योदय - 06:16 ए एम
  • सूर्यास्त - 06:03 पी एम
  • चन्द्रोदय - 04:21 पी एम
  • चन्द्रास्त - 04:03 ए एम, अक्टूबर 05

आज का शुभ मुहूर्त और योग 4 अक्टूबर 2025 (Aaj ka Shubh Muhurat aur Yog 4 October 2025)

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:38 ए एम से 05:27 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:46 ए एम से 12:33 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 02:08 पी एम से 02:55 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 06:03 पी एम से 06:28 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 06:03 पी एम से 07:17 पी एम
  • अमृत काल - 01:09 ए एम, अक्टूबर 05 से 02:41 ए एम, अक्टूबर 05
  • द्विपुष्कर योग - 06:16 ए एम से 09:09 ए एम

आज का अशुभ मुहूर्त 4 अक्टूबर 2025 (Aaj ka Ashubh Muhurat 4 October 2025)

  • राहु काल - 09:13 ए एम से 10:41 ए एम
  • गुलिक काल - 06:16 ए एम से 07:44 ए एम
  • यमगंड - 01:38 पी एम से 03:07 पी एम
  • वर्ज्य - 04:00 पी एम से 05:32 पी एम
  • विडाल योग - 09:09 ए एम से 06:16 ए एम, अक्टूबर 05
  • पंचक - पूरे दिन
  • दिशाशूल - पूर्व, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

4 अक्टूबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (4 October 2025 ke Parv / Tyohar / Vrat)

  • शनिवार का व्रत - आज आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है। 
  • शनि त्रयोदशी - प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है और इसे दक्षिण भारत में प्रदोषम के नाम से जाना जाता है। यह व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी को किया जाता है, जो शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आती हैं। प्रदोष व्रत के दिन के अनुसार इसे सोम प्रदोष, भौम प्रदोष और शनि प्रदोष कहा जाता है, जब यह क्रमशः सोमवार, मंगलवार और शनिवार को पड़ता है।
  • शनि प्रदोष व्रत - प्रदोष व्रत चंद्र मास की दोनों त्रयोदशी को किया जाता है, जो शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आती हैं। यह व्रत तब किया जाता है जब त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल में व्याप्त होती है, जो सूर्यास्त से शुरू होता है। शनि प्रदोष व्रत, जो शनिवार को पड़ता है, नाना प्रकार के संकटों और बाधाओं से मुक्ति के लिए किया जाता है। भगवान शिव शनिदेव के गुरु हैं, इसलिए यह व्रत शनि ग्रह से संबंधित दोषों, कालसर्प दोष और पितृ दोष के निवारण के लिए भी उत्तम माना जाता है। इस व्रत के पालन से भगवान शिव की कृपा से सभी ग्रह दोषों से मुक्ति प्राप्त होती है और शनि देव की कृपा से कर्मबन्धन काटने में मदद मिलती है।

4 अक्टूबर 2025 आज के उपाय (4 October 2025 Aaj ke Upay)

  • शनिवार के उपाय - घी का दीपक जलाने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं, जबकि सरसों के तेल का दीपक शनिदेव और पितरों को प्रसन्न करता है। शनिवार को शनिदेव की कृपा पाने के लिए गंगाजल में काले तिल मिलाकर पीपल के पेड़ पर अर्घ्य देना, तीन परिक्रमा और उठक-बैठक करना लाभदायक होता है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए दान-पुण्य करना भी जरूरी है, जिसमें चमड़े के जूते, काले तिल, उड़द की दाल और छाता जैसी वस्तुएं शामिल हैं। अच्छे कर्म करने वालों को शनिदेव पुरस्कृत करते हैं और बुरे कर्मों की सजा देते हैं।
  • शनि प्रदोष व्रत के दिन करें ये उपाय - शनि प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग का गंगाजल, दूध और दही से अभिषेक करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। शिवलिंग पर गंगाजल और चावल अर्पित करने से कर्ज की समस्या से मुक्ति मिल सकती है, जबकि काले तिल अर्पित करने से भी शुभ फल मिलते हैं। इस दिन काले तिल और सरसों के तेल का दान करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। उड़द की दाल, लोहे की वस्तुएं, वस्त्र और अन्न का दान करने से भी अच्छे परिणाम मिलते हैं और शिव जी की कृपा के साथ-साथ शनिदेव की भी कृपा प्राप्त होती है।

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