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ज्ञानगंगा

खरना पूजा पर गुड़ की खीर की रेसिपी
खरना पूजा पर गुड़ की खीर की रेसिपी
छठ पूजा का दूसरा दिन सबसे पवित्र दिन होता है, जिसे खरना या लोहंडा भी कहा जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं और सूर्यास्त के बाद भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा करती हैं।
छठ पर्व की खरना पूजा का महत्व
छठ पर्व की खरना पूजा का महत्व
छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला सूर्य उपासना का पर्व है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से आरंभ होता है। पहले दिन ‘नहाय-खाय’ के बाद दूसरा दिन ‘खरना’ कहलाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को सूर्यास्त के बाद भगवान सूर्य और छठी मइया की पूजा करते हैं।
घर पर छठ पूजा कैसे करें
घर पर छठ पूजा कैसे करें
छठ पूजा हिंदू धर्म का अत्यंत पवित्र पर्व है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर की जाती है। कई बार ऐसा होता है कि व्रती किसी कारणवश घाट नहीं जा पाते।
31 October 2025 Panchang (31 अक्टूबर 2025 का पंचांग)
31 October 2025 Panchang (31 अक्टूबर 2025 का पंचांग)
आज 31 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास का 24वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है, जो कि10:03 ए एम तक जारी रहेगी।
30 October 2025 Panchang (30 अक्टूबर 2025 का पंचांग)
30 October 2025 Panchang (30 अक्टूबर 2025 का पंचांग)
आज 30 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास का 23वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो कि10:06 ए एम तक जारी रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी।
29 October 2025 Panchang (29 अक्टूबर 2025 का पंचांग)
29 October 2025 Panchang (29 अक्टूबर 2025 का पंचांग)
आज 29 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास का 22वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है, जो कि 09:23 ए एम तक जारी रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि लग जाएगी।
28 October 2025 Panchang  (28 अक्टूबर 2025 का पंचांग)
28 October 2025 Panchang (28 अक्टूबर 2025 का पंचांग)
आज 28 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास का 22वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, जो कि 07:59 ए एम तक जारी रहेगी। इसके बाद सप्तमी तिथि लग जाएगी।
छठ पूजा पर अर्घ्य का धार्मिक महत्व
छठ पूजा पर अर्घ्य का धार्मिक महत्व
छठ पूजा भारत के सबसे प्राचीन और पवित्र पर्वों में से एक है, जिसमें सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है। यह पर्व प्रकृति, आत्मसंयम और आस्था का संगम है। चार दिनों तक चलने वाले इस व्रत में व्रती बिना जल और अन्न ग्रहण किए पूर्ण निष्ठा के साथ सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
छठी मैया के लिए भीख क्यों मांगते हैं
छठी मैया के लिए भीख क्यों मांगते हैं
छठ पूजा हिंदू धर्म का सबसे पवित्र और अनुशासित पर्व माना जाता है, जो सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। इस पर्व की सबसे अनोखी परंपराओं में से एक है ‘छठी मैया के लिए भीख मांगना’। यह परंपरा साधारण भिक्षा नहीं, बल्कि विनम्रता, आत्मसंयम और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है।
नहाय-खाय पर इन चीजों का दान करें
नहाय-खाय पर इन चीजों का दान करें
हिंदू धर्म में दान को पुण्य का सबसे सरल मार्ग बताया गया है। छठ पूजा के पहले दिन यानी नहाय-खाय के दिन दान करने की परंपरा बहुत प्राचीन है।
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