11 November 2025 Ka Panchang: आज 11 नवंबर 2025 को क्या है? शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
11 November 2025 Ka Panchang: आज 11 नवंबर 2025 से मार्गशीर्ष मास का 7वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है, जो कि 11:08 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज मंगलवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:43 ए एम से 12:27 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 02:47 पी एम से 04:08 पी एम तक रहेगा। आज मासिक कृष्ण जन्माष्टमी है। साथ ही वार के हिसाब से आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
11 नवंबर 2025 का पंचांग (11 November 2025 Ka Panchang)
- तिथि - 11:08 पी एम तक मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि। इसके बाद अष्टमी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र- पुष्य (06:17 पी एम तक) अश्लेशा
- दिन/वार- मंगलवार
- योग- शुभ (09:44 ए एम तक) शुक्ल
- करण- विष्टि (11:32 ए एम तक) बव (11:08 पी एम तक) बालव
मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि प्रारंभ - 12:07 ए एम, नवम्बर 11
मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि समाप्त - 11:08 पी एम, नवम्बर 11
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama Ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:41 ए एम
- सूर्यास्त - 05:29 पी एम
- चन्द्रोदय - 11:20 पी एम
- चन्द्रास्त - 12:32 पी एम
11 नवंबर 2025 का शुभ मुहूर्त और योग (11 November 2025 Ka Shubh Muhurat aur Yog)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:55 ए एम से 05:48 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:43 ए एम से 12:27 पी एम
- विजय मुहूर्त - 01:53 पी एम से 02:36 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 05:29 पी एम से 05:56 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 05:29 पी एम से 06:49 पी एम
- अमृत काल - 12:01 पी एम से 01:35 पी एम
- सर्वार्थ सिद्धि योग - 06:17 पी एम से 06:41 ए एम, नवम्बर 12
- रवि योग - 06:41 ए एम से 06:17 पी एम
11 नवंबर 2025 का अशुभ मुहूर्त (11 November 2025 ka Ashubh Muhurat)
- राहु काल - 02:47 पी एम से 04:08 पी एम
- गुलिक काल - 12:05 पी एम से 01:26 पी एम
- यमगंड - 09:23 ए एम से 10:44 ए एम
- आडल योग - 06:41 ए एम से 06:17 पी एम
- गण्ड मूल - 06:17 पी एम से 06:41 ए एम, नवम्बर 12
- भद्रा - 06:41 ए एम से 11:32 ए एम
- दिशाशूल - उत्तर, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
11 नवंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (11 November 2025 Parv / Tyohar / Vrat)
- मंगलवार का व्रत - आज आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित है।
- मासिक कृष्ण जन्माष्टमी - मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत का विशेष महत्त्व विभिन्न हिन्दु धर्म ग्रन्थों में बताया गया है, जैसे कि स्कन्दपुराण, पद्मपुराण, नारदपुराण, व्रतराज और हरिभक्तिविलास। इन ग्रन्थों में कहा गया है कि इस व्रत को श्रद्धा और विधिपूर्वक करने से पुण्यलोक की प्राप्ति होती है और अन्त समय में श्रीकृष्ण के परमधाम की प्राप्ति होती है। यह व्रत सांसारिक बाधाओं से मुक्ति दिलाता है, आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है और भगवद्भाव, आत्मशुद्धि एवं सद्गति की प्राप्ति कराता है, विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने के इच्छुक भक्तों के लिए।
11 नवंबर 2025 आज के उपाय (11 November 2025 Ke Upay)
- मंगलवार के उपाय - मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल और लाल फूल चढ़ाएं। इसके अलावा, मंगल ग्रह के मंत्र "ॐ अं अंगारकाय नमः" का जाप करने से भी शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। गुड़, तांबे के बर्तन, लाल वस्त्र आदि दान करने और मूंगे की अंगूठी पहनने से भी मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। भोजन में मसूर की दाल शामिल करने से भी लाभ मिलता है। इन उपायों को करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है और शुभ परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
- मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन करें ये उपाय - हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मासिक जन्माष्टमी का व्रत रखने और विधि-विधान से बाल गोपाल श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतान संबंधी कष्ट दूर होते हैं। इस दिन श्रद्धा से भगवान की पूजा करने से घर में सुख-शांति का वास होता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मकता का संचार होता है। साथ ही मासिक जन्माष्टमी का व्रत धन-धान्य की वृद्धि में सहायक होता है, जिससे भगवान श्रीकृष्ण भक्तों के सभी दुखों का नाश कर उनके जीवन को खुशियों से भर देते हैं।
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