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8 November 2025 Panchang (8 नवंबर 2025 का पंचांग)

8 November 2025 Panchang (8 नवंबर 2025 का पंचांग)

8 November 2025 Ka Panchang: शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

8 November 2025 Ka Panchang: आज 8 नवंबर 2025 से मार्गशीर्ष मास का तीसरा दिन है। शनिवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 11:14 ए एम तक वृषभ राशि में रहेंगे। इसके बाद मिथुन राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:43 ए एम से 12:26 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 09:21 ए एम से 10:43 ए एम तक रहेगा। आज गणाधिप संकष्टी चतुर्थी है। साथ ही वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो कि न्याय के देवता शनि देव को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

8 नवंबर को क्या है? (8 November 2025 Ko Kya Hai?)

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है, जो कि 07:32 ए एम तक जारी रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी।

8 नवंबर 2025 का पंचांग (8 November 2025 Ka Panchang)

  • तिथि - 07:32 ए एम तक तक मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि। इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी। 
  • नक्षत्र - मृगशिरा (10:02 पी एम तक) आर्द्रा
  • दिन/वार - शनिवार
  • योग - शिव (06:32 पी एम तक) सिद्ध
  • करण - विष्टि (07:32 ए एम तक) बव (05:54 पी एम तक) बालव (04:25 ए एम, नवम्बर 09 तक) कौलव

मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि प्रारंभ - 11:05 ए एम, नवम्बर 07

मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि समाप्त - 07:32 ए एम, नवम्बर 08

मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 07:32 ए एम, नवम्बर 08

मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त - 04:25 ए एम, नवम्बर 09

नोट- इस दिन तृतीया तिथि का क्षय हो रहा है। इसलिए आज चतुर्थी तिथि मान्य होगी।

सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)

  • सूर्य - सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा 11:14 ए एम तक वृषभ राशि में रहेंगे। इसके बाद मिथुन राशि में गोचर करेंगे। 

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama Ka Muhurat)

  • सूर्योदय - 06:38 ए एम
  • सूर्यास्त - 05:31 पी एम
  • चन्द्रोदय - 07:59 पी एम
  • चन्द्रास्त - 09:49 ए एम

8 नवंबर 2025 का शुभ मुहूर्त और योग (8 November 2025 Ka Shubh Muhurat aur Yog)

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:53 ए एम से 05:46 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:43 ए एम से 12:26 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 01:53 पी एम से 02:37 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 05:31 पी एम से 05:57 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 05:31 पी एम से 06:50 पी एम
  • अमृत काल - 02:09 पी एम से 03:35 पी एम

8 नवंबर 2025 का अशुभ मुहूर्त (8 November 2025 ka Ashubh Muhurat)

  • राहु काल - 09:21 ए एम से 10:43 ए एम
  • गुलिक काल - 06:38 ए एम से 08:00 ए एम
  • यमगंड - 01:26 पी एम से 02:48 पी एम
  • वर्ज्य - 05:45 ए एम, नवम्बर 09 से 07:13 ए एम, नवम्बर 09
  • भद्रा - 06:38 ए एम से 07:32 ए एम
  • दिशाशूल - पूर्व, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

8 नवंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (8 November 2025 Parv / Tyohar / Vrat)

  • शनिवार का व्रत - आज आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है।
  • गणाधिप संकष्टी चतुर्थी - मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणाधिप संकष्टी के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भगवान गणेश के गणाधिप स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन एक दिवसीय उपवास का पालन किया जाता है। गणाधिप संकष्टी की कथा के अनुसार, भगवान हनुमान ने इस व्रत को करके विशाल समुद्र को लांघने की शक्ति प्राप्त की थी। इस दिन पूर्ण भक्तिभाव से गणेश जी की आराधना और उपवास करने से कठिन से कठिन मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं।

8 नवंबर 2025 आज के उपाय (8 November 2025 Ke Upay)

  • शनिवार के उपाय - घी का दीपक जलाने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं, जबकि सरसों के तेल का दीपक शनिदेव और पितरों को प्रसन्न करता है। शनिवार को शनिदेव की कृपा पाने के लिए गंगाजल में काले तिल मिलाकर पीपल के पेड़ पर अर्घ्य देना, तीन परिक्रमा और उठक-बैठक करना लाभदायक होता है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए दान-पुण्य करना भी जरूरी है, जिसमें चमड़े के जूते, काले तिल, उड़द की दाल और छाता जैसी वस्तुएं शामिल हैं। अच्छे कर्म करने वालों को शनिदेव पुरस्कृत करते हैं और बुरे कर्मों की सजा देते हैं।
  • गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर करें ये उपाय - गणेश जी की पूजा से जीवन में बल, बहादुरी और सफलता मिलती है। बल और बहादुरी के लिए लाल सिंदूर, गुड़ और घी चढ़ाएं। ऑफिस में तालमेल के लिए श्री गणेशाय नमः मंत्र का जप करें और गुड़हल का फूल अर्पित करें। वैवाहिक जीवन में मिठास के लिए हल्दी और घी का तिलक लगाएं। विद्या में सफलता के लिए दूर्वा की गांठें अर्पित करें और व्यवसाय में सफलता के लिए हरे मूंग का दान करें। इस तरह गणेश जी की पूजा से जीवन में सुख-शांति और सफलता मिलती है।

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