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6 November 2025 Panchang (6 नवंबर 2025 का पंचांग)

 6 November 2025 Panchang (6 नवंबर 2025 का पंचांग)

6 November 2025 Ka Panchang: आज 6 नवंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

6 November 2025 Ka Panchang: आज 6 नवंबर 2025 से मार्गशीर्ष मास प्रारंभ हुआ है। गुरूवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 11:47 ए एम तक मेष राशि में रहेंगे। इसके बाद वृषभ राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:43 ए एम से 12:26 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 01:26 पी एम से 02:48 पी एम तक रहेगा। आज मासिक कार्तिगाई है। साथ ही वार के हिसाब से आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो कि भगवान विष्णु को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

6 नवंबर 2025 को क्या है? (6 November 2025 Ko Kya Hai?)

पंचांग के अनुसार, 6 नवंबर 2025 को मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है, जो कि 02:54 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद द्वितीया तिथि लग जाएगी।

6 नवंबर 2025 का पंचांग (6 November 2025 Ka Panchang)

  • तिथि - 02:54 पी एम तक मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि। इसके बाद द्वितीया तिथि लग जाएगी। 
  • नक्षत्र - कृत्तिका (03:28 ए एम, नवम्बर 07 तक) रोहिणी
  • दिन/वार - गुरूवार 
  • योग - व्यतीपात (07:05 ए एम तक) वरीयान् (02:41 ए एम, नवम्बर 07 तक) परिघ
  • करण- कौलव (02:54 पी एम तक) तैतिल (12:58 ए एम, नवम्बर 07 तक) गर

मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि प्रारंभ - 06:48 पी एम, नवम्बर 05

मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि समाप्त - 02:54 पी एम, नवम्बर 06

सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)

  • सूर्य - सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा 11:47 ए एम तक मेष राशि में रहेंगे। इसके बाद वृषभ राशि में गोचर करेंगे।

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama Ka Muhurat)

  • सूर्योदय - 06:37 ए एम
  • सूर्यास्त - 05:32 पी एम
  • चन्द्रोदय - 05:59 पी एम
  • चन्द्रास्त - 07:22 ए एम

6 नवंबर 2025 का शुभ मुहूर्त और योग (6 November 2025 Ka Shubh Muhurat aur Yog)

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:52 ए एम से 05:44 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:43 ए एम से 12:26 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 01:54 पी एम से 02:38 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 05:32 पी एम से 05:59 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 05:32 पी एम से 06:51 पी एम
  • अमृत काल - 01:22 ए एम, नवम्बर 07 से 02:46 ए एम, नवम्बर 07

6 नवंबर 2025 का अशुभ मुहूर्त (6 November 2025 ka Ashubh Muhurat)

  • राहु काल - 01:26 पी एम से 02:48 पी एम
  • गुलिक काल - 09:21 ए एम से 10:43 ए एम
  • यमगंड - 06:37 ए एम से 07:59 ए एम
  • वर्ज्य - 05:01 पी एम से 06:24 पी एम
  • आडल योग - 03:00 पी एम से 03:28 ए एम, नवम्बर 07
  • विडाल योग - 06:37 ए एम से 03:00 पी एम और 03:28 ए एम, नवम्बर 07 से 06:37 ए एम, नवम्बर 07
  • दिशाशूल - दक्षिण, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

6 नवंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (6 November 2025 Parv / Tyohar / Vrat)

  • गुरूवार का व्रत - आज आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है।
  • मार्गशीर्ष मास प्रारंभ - मार्गशीर्ष माह हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है, जिसे भगवान कृष्ण ने सबसे श्रेष्ठ बताया है। शास्त्रों में कहा गया है कि मार्गशीर्ष के समान कोई दूसरा शुभ महीना नहीं है। इस माह में भगवान कृष्ण और मां लक्ष्मी की उपासना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस माह में स्नान, पूजा, जप-तप और दान करने का विधान है, जिससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है। मार्गशीर्ष माह सतयुग के आरंभ का प्रतीक भी है, जिससे इस माह की महत्ता और भी बढ़ जाती है।
  • मासिक कार्तिगाई - कार्तिगाई दीपम तमिल हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्राचीन और प्रमुख त्योहार है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन शाम के समय घरों और गलियों में तेल के दीप एक पंक्ति में जलाए जाते हैं, जिससे वातावरण भक्तिमय और आलोकित हो उठता है। यह पर्व कृत्तिका या कार्तिकाई नक्षत्र के प्रभावी होने पर मनाया जाता है और इसी नक्षत्र के नाम से इसका नाम भी लिया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने ब्रह्मा और विष्णु को अपनी श्रेष्ठता दिखाने के लिए स्वयं को एक अनन्त प्रकाश ज्योति में परिवर्तित कर लिया था। यद्यपि कार्तिगाई का पालन हर महीने किया जाता है, लेकिन कार्तिकाई माह में आने वाला कार्तिगाई दीपम सबसे विशेष माना जाता है। तिरुवन्नामलई की पहाड़ी पर इस अवसर पर एक विशाल दीप जलाया जाता है, जिसे महादीपम कहा जाता है और यह कई किलोमीटर दूर से दिखाई देता है। इस पर्व के दौरान हज़ारों श्रद्धालु वहां एकत्र होते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं।

6 नवंबर 2025 आज के उपाय (6 November 2025 Ke Upay)

  • गुरूवार के उपाय - गुरुवार के दिन दूध में केसर या हल्दी मिलाकर पीने से कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। इस दिन शिवजी का अभिषेक करने और घर के मुख्य द्वार पर जल में हल्दी और गंगाजल मिलाकर छिड़काव करने से नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही सुख-समृद्धि आती है। 'ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:' मंत्र का 108 बार जाप करने से बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती है और गुरु दोष से राहत मिलती है। भगवान विष्णु की पूजा और विष्णु स्तोत्र या सहस्रनाम का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा गाय को चने की दाल और गुड़ खिलाने से भी गुरु मजबूत होता है और जरूरी कार्यों में सफलता मिलती है।

  • मार्गशीर्ष मास में करें ये उपाय - मार्गशीर्ष महीने में नित्य श्रीमद्भगवदगीता का पाठ करना, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना और भगवान श्री कृष्ण की उपासना करना विशेष रूप से फलदायी होता है। इस महीने में संध्याकाल की उपासना अनिवार्य है और तेल की मालिश भी उत्तम मानी जाती है। साथ ही, पवित्र नदी में स्नान करने का अवसर मिले तो उसे नहीं गंवाना चाहिए। इस महीने में जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए और मोटे परिधानों का उपयोग शुरू कर देना चाहिए। श्री कृष्ण को तुलसी के पत्तों का भोग लगाकर प्रसाद स्वरूप ग्रहण करना भी शुभ है। इसके अलावा इस महीने से चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों का सेवन शुरू करना भी उचित है।

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